अलीगढ़ में किसानों की पीठ थपथपा रहा प्रशासन, जानिए क्या है मामला

प्राकृतिक आपदा में बर्बाद हुई फसल की सर्वाधिक क्षतिपूर्ति पा चूके किसानों की प्रशासन पीठ थपथपा रहा है। इसके पीछे अफसरों का उद्देश्य है कि किसान फसल बीमा योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकें। जनपद में पीएम फसल बीमा योजना का लाभ कई किसान उठा रहे हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 03:58 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 03:58 PM (IST)
अलीगढ़ में किसानों की पीठ थपथपा रहा प्रशासन, जानिए क्या है मामला
जिला मुख्यालय पर किसानों को बुलाकर सम्मानित किया गया।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। प्राकृतिक आपदा में बर्बाद हुई फसल की सर्वाधिक क्षतिपूर्ति पा चूके किसानों की प्रशासन पीठ थपथपा रहा है। इसके पीछे अफसरों का उद्देश्य है कि किसान फसल बीमा योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकें। जनपद में पीएम फसल बीमा योजना का लाभ कई किसान उठा रहे हैं। पिछले रबी सीजन में बेमौसम बारिश में बर्बाद हुई फसल पर किसानों को करोड़ों रुपये की क्षतिपूर्ति बीमा कंपनी ने दी।तब बारिश में धान की फसल ज्यादा प्रभावित हुई थी। प्रशासन की रिपोर्ट के बाद बीमा कंपनियों ने किसानों के खातों में ये रकम डाल दी। सर्वाधिके क्षतिपूर्ति पाने वाले किसानों का चयन कर प्रशासनिक अधिकारी प्रोत्साहित कर रहे हैं। जिला मुख्यालय पर ऐसे ही किसानों को बुलाकर सम्मानित किया गया।

फसल बीमा पर हुई चर्चा

अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व विधान जायसवाल की अध्यक्षता में जिला मुख्यालय पर आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना रबी-2021 पर चर्चा हुई। उन्होंने लीड बैंक मैनेजर को निर्देशित किया कि जनपद में बैंकों के माध्यम से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लक्ष्य समय से पूर्ण करें। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि फसलों के किसी भी आकस्मिक आपदा में क्षतिग्रस्त होने की दशा में क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए अपनी फसलों का बीमा अवश्य कराएं। उप कृषि निदेशक यशराज सिंह ने बताया कि शासन द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 व 2022-23 के क्रियांवयन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इस योजना में अधिसूचित फसलों को प्राकृतिक आपदाओं व न रोके जा सकने वाले अन्य जोखिमों इत्यादि के लिए फसल बीमा कराया जाता है। सभी पात्र किसानों को योजना से लाभांवित होने के लिए भारत सरकार के पोर्टल पर सूचना पर दर्ज कराना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि रबी की प्रमुख फसलों में गेहूं, जौ, मसूर, सरसों के लिए 1.5 प्रतिशत व आलू के लिए पांच प्रतिशत की दर से प्रीमियम निर्धारित है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए अलीगढ़ में एग्रीकल्चर इश्योरेंस कंपनी आफ इण्डिया अधिकृत है।

72 घंटे में देना होगा ब्‍यौरा

उन्होंने बताया कि रबी की फसलों के लिए 31 दिसंबर तक बीमा की अंतिम तिथि निर्धारित की गयी है। फसल क्षति की स्थिति में किसानों को 72 घन्टे के अन्दर बैंक शाखा व संबंधित विभाग को फसल नुकसान का ब्यौरा देना होगा। किसी भी जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800-889-6868 पर संपर्क किया जा सकता है। लीड बैंक प्रबंधक अनिल कुमार ने योजना में किसानों की भागीदारी बढ़ाए जाने के लिए सभी बैंकों को लक्ष्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन किसानों को अपनी फसलों का बीमा नहीं कराना है, वह संबंधित बैंक को 24 दिसंबर तक लिखित रूप में सूचित करें अन्यथा बैंक द्वारा प्रीमियम काट लिया जाएगा। जिन किसानों का बीमा बैंक द्वारा किया गया है, वे 15 दिन के अन्दर बीमा कवरेज के विवरण को फसल बीमा पोर्टल पर अपलोड करें। प्रीमियम की धनराशि घोषणा पत्र को अंतिम तिथि के 48 घन्टे के अंदर कंपनी को भेजना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि रबी 2020 में जनपद में 14846 किसानों द्वारा बीमा कराया गया, जिसमें क्षतिपूर्ति के रूप में 434 किसानों को 14.33 लाख रूपये वितरित किया गया।

किसानों को बांटे प्रशस्‍ति पत्र

एडीएम ने भारत का अमृत महोत्सव इंडिया अभियान के क्रम में प्रदेश में संचालित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रचार-प्रसार के तहत बीमा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिकों व अधिक क्षतिपूर्ति प्राप्त करने वाले किसानों को प्रशस्ति पत्र दिए। इन किसानों में प्रेमपाल सिंह को 63339.98 रुपये, रमेश चन्द्र सारस्वत को 55799.53 रुपये, मूर्तिदेवी को 45821.18 रूपये, तोताराम को 28632.54 रूपये, नेमपाल को 10269.74 रुपये, राजपाल सिंह को 10184.34 रुपये दिए गए हैं।

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