एक बंदी ने मांगी ऐसी जानकारी, अलीगढ व आगरा के अफसरों की हो गई बोलती बंद, जानिये क्या है मामला Aligarh News

जेल में बिताए 56 दिनों का हिसाब मांगने वाले आरटीआइ एक्टिविस्ट केशव देव को आगरा जेल से जवाब नहीं मिल सका। आगरा दफ्तर से मिले जवाब में भी यही कहा गया है कि ऐसा विवरण दे पाना संभव नहीं है।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 01:10 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 01:10 PM (IST)
एक बंदी ने मांगी ऐसी जानकारी, अलीगढ व आगरा के अफसरों की हो गई बोलती बंद, जानिये क्या है मामला  Aligarh News
आरटीआइ एक्टिविस्ट केशव देव को आगरा जेल से जवाब नहीं मिल सका।

अलीगढ़, जेएनएन। जेल में बिताए 56 दिनों का हिसाब मांगने वाले आरटीआइ एक्टिविस्ट केशव देव को आगरा जेल से जवाब नहीं मिल सका। आगरा दफ्तर से मिले जवाब में भी यही कहा गया है कि ऐसा विवरण दे पाना संभव नहीं है। ऐसे में केशव देव अब राज्य सूचना आयोग व मुख्यमंत्री से अपील करने की तैयारी में है। मेलरोज बाईपास स्थित प्रिंस नगर निवासी केशव देव जानलेवा हमले के मामले में जेल में रहे थे। इस दौरान उन्होंने वहां बिताए दिनों के खर्च का हिसाब जिला कारागार से मांगा था। 

यह है मामला

मेलरोज बाईपास स्थित प्रिंस नगर निवासी केशव देव भ्रष्टाचार विरोधी सेना के अध्यक्ष व आइटीआइ एक्टिविस्ट भी हैं। फरवरी 2019 में केशव के खिलाफ बन्नादेवी थाने में जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने 25 फरवरी 2019 को केशव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 20 अप्रैल तक यानी 56 दिन बाद केशव देव जेल से बाहर आए। 22 नवंबर 2020 को केशव ने जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जिला कारागार में बिताए दिनों का हिसाब मांगा। पत्र में लिखा कि उनके रखरखाव पर हुए खर्चों की सूचना उपलब्ध कराई जाए। जैसे तेल-साबुत, रात्रि पहरा इत्यादि। साथ ही इस अवधि में दी सुविधाओं के बारे में जानकारी दी जाए। केशव ने संबंधित रजिस्टरों की छायाप्रति व प्रमाणित प्रति भी मांगी। पोस्ट के जरिये यह पत्र 25 नवंबर 2020 को जिला कारागार में पहुंचा। इस पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक की तरफ से जवाब भेजा गया कि कारागार में निरुद्ध हुए प्रत्येक बंदी के रखरखाव पर होने वाले विभिन्न प्रकार के खर्च किसी रजिस्टर में अंकित नहीं होते हैं। ऐसे में इनका विवरण दिया जाना संभव नहीं है। बंदियों को जेल मैनुअल के हिसाब से सुविधाएं दी जाती हैं।  

विशिष्ट सूचना चाहिए तो कार्यालय से आकर लें 

जेल प्रशासन के जवाब से असंतुष्ट केशव ने 23 दिसंबर 2020 को फिर से आरटीआइ के जरिये दूसरा पत्र भेजकर इन्हीं सवालों के जवाब मांगे। यह पत्र 24 दिसंबर को जेल में पहुंचा। जेल प्रशासन ने फिर से वही जवाब दोहराया। साथ ही लिखा कि कोई विशिष्ट सूचना चाहिए तो किसी भी कार्य दिवस पर कार्यालय से संपर्क कर सूचना ली जा सकती है। पत्र में ये भी लिखा है कि इस सूचना से संतुष्ट नहीं हैं तो प्रथम अपीलीय अधिकारी पुलिस उप महानिरीक्षक कारागार, आगरा परिक्षेत्र से अपील कर सकते हैं।  

आगरा से मिला जवाब, पूरी जानकारी दी जा चुकी है।पुलिस उप महानिरीक्षक कारागार, आगरा परिक्षेत्र की ओर से भेजे गए जवाब में कहा गया है कि आपको सही व संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जा चुकी है। इसमें अलीगढ़ जेल के जवाब को भी जोड़ा गया है। ऐसे में अब केशवदेव राज्य सूचना आयोग व मुख्यमंत्री से अपील करेंगे।

chat bot
आपका साथी