अलीगढ़ में बना एक ऐसा हाईवे, जिस पर वाहनाें की नहीं बढ़ सकेगी रफ्तार, जानिए वजह
अलीगढ़-पलवल मार्ग बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया है मगर खैर और जट्टारी पर बाईपास नहीं बना। बाईपास के न बनने से दोनों कस्बों में लोगों को जाम में फंसना पड़ेगा। अभी तक खैर और जट्टारी में बाईपास के निर्माण की शुरुआत भी नहीं हुई है।
अलीगढ़, जेएनएन। अलीगढ़-पलवल मार्ग बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया है, मगर खैर और जट्टारी पर बाईपास नहीं बना। बाईपास के न बनने से दोनों कस्बों में लोगों को जाम में फंसना पड़ेगा। अभी तक खैर और जट्टारी में बाईपास के निर्माण की शुरुआत भी नहीं हुई है। इससे रफ्तार तेज नहीं हो पाएगी।
हाईवे पर राजनीति
67 किमी लंबे अलीगढ़-पलवल मार्ग के फोरलेन के लिए सपा सरकार से ही कवायद शुरू हुई थी। सपा सरकार में 2016 में इसपर मुहर लगी और 552 करोड़ रुपये के इस बजट पर काम शुरू हो गया। पहली किश्त 52 करोड़ रुपये की आई थी। इसके बाद काम शुरू हो गया था। मगर, पूरा पैसा न आने से कार्य काफी धीमे चला। 2017 में भाजपा की सरकार आ गई। छह महीने बाद बजट मिला, फिर काम की रफ्तार बढ़ गई। ढाई साल में 67 किमी लंबा मार्ग बनकर तैयार हो गया है। अंडला के पास कुछ काम शेष है।
हाईवे की तरह निर्माण
अलीगढ़-पलवल मार्ग का निर्माण पीडब्ल्यूडी ने किया है। मगर, इसे हाईवे की तरह बनाया गया है। 14 मीटर इसकी चौड़ाई है। बीच में आधा मीटर के करीब डिवाइडर है। फुटपाथ भी एक-एक मीटर का है। डिवाइडर के बीच में हाईवे की तरह ही इसपर हरियाली लगाई जाएगी। ऐसे पौधे लगाए जाएंगे जो कम पानी में भी हरे-भरे रह सकें।
बाईपास पर अड़ा रोड़ा
मार्ग के निर्माण के बाद अब खैर और जट्टारी बाईपास पर रोड़ा अटक गया है। इन दोनों कस्बे में सड़क बेहद संकरी है। दो वाहन एक साथ निकल जाते हैं तो जमा लग जाता है। इसलिए यहां से बाईपास निकाला जाएगा। पेंच इस जगह फंस रहा है। लोक निर्माण विभाग ने मार्ग का निर्माण किया था, मगर अब इसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सौंप दिया गया है। एनएचएआई ही मार्ग का रख-रखाव और देखभाल करेगी। साथ ही वह ही टोल टैक्स वसूल करेगी। इसलिए बाईपास का निर्माण भी एनएचएआई करेगी। मगर, अभी तक काम शुरू नहीं किया गया है। दोनों जगहों पर भूमि अधिग्रहण का भी काम नहीं शुरू हुआ है। फिलहाल बाईपास के निर्माण कार्य होता शुरू नहीं नजर आ रहा है। क्योंकि भूमि अधिग्रहण में ही करीब एक वर्ष लग जाएगा। इसके बाद निर्माण कार्य शुरू होने में एक वर्ष लगेगा।
क्योंकि दोनों जगहों पर 10-10 किमी लंबा बाईपास बनना है।
तीन प्रदेशों से सीधा जुड़ाव
अलीगढ़-पलवल फोरलेन मार्ग की महत्ता को ऐसे ही समझा जा सकता है कि वह तीन प्रांतों को सीधे जोड़ता है। यूपी की सीमा टप्पल से यह हरियाणा और नोएडा होते हुए दिल्ली को जोड़ता है। तीन प्रदेशों का जुड़ाव होने से इसपर वाहनों की भारी संख्या होती है। छात्र, सरकारी नौकरी और प्राइवेट नौकरी करने वाले भी इस मार्ग से बड़ी संख्या में निकलते हैं। हरियाणा मंडी में बड़ी संख्या में किसान भी जाते हैं। मगर, खैर और जट्टारी में बाईपास न बनने के चलते लाेगों को दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।
देना होगा टोल टैक्स
एनएचएआई में शामिल होने के बाद इस मार्ग पर टोल टैक्स भी शुरू हो जाएगा। खैर और जट्टारी के पास टोल टैक्स लगने की संभावना है। चर्चा है कि बाईपास बनने से पहले ही टोल टैक्स लग जाएगा। इससे लोग एनएचएआई के खिलाफ नाराजगी भी जता सकते हैं। हालांकि, अभी तय नहीं हुआ है कि कब से टोल लगेगा।