अलीगढ़ में डेढ़ साल से चार विभागों के चक्कर काट रही एक फरियाद, जानिए पूरा मामला Aligarh news

सरकारी महकमों के काम करने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक फरियाद पिछले डेढ़ साल से चार विभागों के चक्कर लगा रही है लेकिन निस्तारण अब तक न हुआ। ताजा अपडेट ये है कि निस्तारण के लिए अब एडीए से कहा जा रहा है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 04:58 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 05:05 PM (IST)
अलीगढ़ में डेढ़ साल से चार विभागों के चक्कर काट रही एक फरियाद, जानिए पूरा मामला Aligarh news
मामले के निस्तारण के लिए अब एडीए से कहा जा रहा है।

अलीगढ़, जेएनएन ।  सरकारी महकमों के काम करने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक फरियाद पिछले डेढ़ साल से चार विभागों के चक्कर लगा रही है, लेकिन निस्तारण अब तक न हुआ। ताजा अपडेट ये है कि निस्तारण के लिए अब एडीए से कहा जा रहा है। 

कारखानों से हर तरह का प्रदूषण फैल रहा

बन्नादेवी क्षेत्र की फायर ब्रिगेड कालोनी निवासी अविनाश सिंह ने रेलवे स्टेशन के निकट आवासीय क्षेत्र मधुपुरा में संचालित कारखानों के संबंध में एक शिकायत 28 अगस्त, 2019 को क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से की थी। इसमें कहा कि मोहल्ले में संचालित कारखानों से हर तरह का प्रदूषण फैल रहा है। कारखानों से निकला केमिकल नालियों में बहता है। मशीनों की तेज आवाज और जहरीले धुंए से स्थानीय लोग काफी परेशान हैं। जबकि, ऐसी औद्योगिक इकाइयों के संचालन के लिए तालानगरी में व्यवस्था की गई है। इससे पहले 20 अगस्त को वह इस संबंध में सिविल लाइंस पुलिस को शिकायत कर चुके थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। पुलिस ने प्रदूषण बोर्ड का मामला बता दिया।

निगम ही कार्रवाई करेगा

आवेदक का कहना है कि प्रदूषण बोर्ड में शिकायत हुई तो कहा गया कि कारखाने नगर निगम की सीमा में आते हैं, निगम ही कार्रवाई करेगा। प्रकरण में आरटीआइ के तहत नगर निगम से सूचनाएं मांग ली। निगम ने प्रदूषण बोर्ड को पत्र लिख दिया कि संबंधित सूचनाएं बोर्ड के क्षेत्राधिकार में हैं, वहीं से जवाब दिया जाए। आवेदक फिर प्रदूषण बोर्ड को लिखा। 19 मार्च, 2021 को मुख्य पर्यावरण अधिकारी, प्रदूषण बोर्ड ने नियमों का हलावा देकर जिलाधिकारी काे लिखे पत्र में कहा कि एडीए को निर्देशित कर कार्रवाई कराई जाए। लेकिन कोई जवाब नहीं आया। आवेदक ने आइजीआएस पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करा दी। 17 अप्रैल को मुख्य पर्यावरण अधिकारी ने डीएम को फिर पत्र लिखा, इसमें कहा कि छह माह में एडीए ने संंबंधित प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं की है। एडीए को निर्देशित कर प्रकरण में कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाएं।

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