सरकारी जमीन पर कब्जे की पोल खुली तो 63 गांवों ने खींचे चकबंदी से हाथ Aligarh News

सरकारी जमीन पर कब्जों का अंदाजा चकबंदी प्रक्रिया से ही लगाया जा सकता है। जिले में अवैध कब्जों की कलई खुलने पर दो साल में 63 गांवों के लोगों ने चकबंदी से हाथ खींच लिए हैं। इनमें सबसे अधिक 55 गांव अतरौली तहसील के हैं।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 01:59 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 01:59 PM (IST)
सरकारी जमीन पर कब्जे की पोल खुली तो 63 गांवों ने खींचे चकबंदी से हाथ Aligarh News
इस समय में 11 गांवों में ही चकबंदी प्रक्रिया चल रही है।

अलीगढ़ सुरजीत पुंढीर। सरकारी जमीन पर कब्जों का अंदाजा चकबंदी प्रक्रिया से ही लगाया जा सकता है। जिले में अवैध कब्जों की कलई खुलने पर दो साल में 63 गांवों के लोगों ने चकबंदी से हाथ खींच लिए हैं। इनमें सबसे अधिक 55 गांव अतरौली तहसील के हैं। इस समय में 11 गांवों में ही चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। इनमें से अतरौली के नवीपुर व अरनी में काम लगभग पूरा हो गया है।

यह होती है चकबंदी 

 चकबंदी से हर गांव में सार्वजिनक कार्यों के लिए भूमि चिह्नित होती है। चकबंदी के लिए ग्राम पंचायत की भूमि प्रबंधक समिति जिला स्तर पर आवेदन करती है। इसके बाद डीएम उस पर संस्तुति करके रिपोर्ट शासन को भेजते हैं। वहां से धारा 4 की घोषणा होती है। फिर चकबंदी विभाग गांव में सर्वे शुरू कर देता है। सबसे पहले सरकारी जमीन की स्थिति को देखा जाता है। फिर गांव में खुली बैठक में तय होता है कि गांव के लोग किस-किस काम के लिए सार्वजिनक भूमि का चिह्नित कराना चाह रहे हैं। सभी किसानों से ढाई फीसद जमीन का अधिग्रहण किया जाता है।

74 आवेदन आए 

 दो साल में जिले में चकबंदी के लिए 74 आवेदन आए थे। डीएम ने इन सभी को शासन को भेजा। वहां से धारा 4 की घोषणा कर दी गई। शासन की संस्तुति के बाद चकबंदी विभाग की टीम ने गांवों में जाकर सरकारी जमीनों की पड़ताल शुरू की तो खलबली मच गई। टीम के सामने आया है कि अधिकांश लोगों ने ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा कर रखा है।

विरोध पर वापस लिया नाम 

74 में से 63 ग्राम पंचायतों के लोगों ने अवैध कब्जे सामने आने पर चकबंदी का विरोध शुरू कर दिया। राजस्व विभाग ने इन गांवों को चकबंदी से बाहर कर दिया।  

इनके लिए तय होती है जमीन

चकबंदी में प्रशासन किसानों से जमीन लेकर उसे नाली, खड़ंजा, चकरोड, परिक्रमा मार्ग, श्मशानगृह, खेल मैदान, स्कूल की जमीन, खाद के गड्ढे समेत अन्य काम के लिए चिह्नित करता है।

ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर ही चकबंदी होती है। अगर किसी गांव में टीम का विरोध होता है तो उस गांव को चकबंदी से बाहर कर दिया जाता है। जिले में 11 गांवों में चकबंदी चल रही है।

विधान जायसवाल, एडीएम वित्त व उप संचालक चकबंदी

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