जूनियर हाईस्कूल की छात्राओं के लिए थकाने वाले होंगे मार्च के 25 दिन, जानिये क्यों Aligarh News
बेसिक शिक्षा परिषद के तहत संचालित कक्षा छह से आठवीं तक के विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए मार्च 2021 के 25 दिन काफी थकावट वाले होंगे। शासन की ओर से छात्राओं के लिए ऐसा कार्यक्रम जारी किया गया है
अलीगढ़, जेएनएन। बेसिक शिक्षा परिषद के तहत संचालित कक्षा छह से आठवीं तक के विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए मार्च 2021 के 25 दिन काफी थकावट वाले होंगे। शासन की ओर से छात्राओं के लिए ऐसा कार्यक्रम जारी किया गया है कि छात्राओं को इससे लाभ तो काफी होगा मगर कड़ी मशक्कत भी करनी होगी। एक से छह मार्च तक आराम से गुजरने के बाद सात से 31 मार्च तक छात्राओं को कड़ी मेहनत के साथ पसीना भी बहाना पड़ेगा। छात्राओं को आत्मनिर्भर व मजबूत बनाने के उद्देश्य से शासनस्तर पर बजट से लेकर समयसारिणी तक जारी करने का काम किया गया है। छात्राओं के लिए जो टास्क तैयार किए गए हैं वो सभी स्कूल व शिक्षण समय के दौरान ही क्रियान्वित किए जाएंगे। अब बेसिक शिक्षा परिषद की छात्राएं नए आत्मविश्वास व ऊर्जा के साथ विद्यालय आएंगी।
यह है नई व्यवस्था
दरअसल, कोरोना काल के चलते पिछले करीब एक साल से विद्यालय बंद हैं। छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए कदम उठाया गया है। एक से 31 मार्च तक ये प्रशिक्षण कार्यक्रम हर जूनियर हाईस्कूल में छात्राओं के लिए चलाना अनिवार्य है। इसके लिए शासन से 3000 रुपये प्रति जूनियर हाईस्कूल के हिसाब से बजट भी जारी किया गया है। जिला पीटीआइ सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि, शुरु के छह दिन हल्के व्यायाम कराए जाएंगे व आत्मरक्षा के बारे में जानकारी दी जाएगी। मगर इसके बाद अगले 25 दिनों तक हर छात्रा को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाएंगे। छात्राओं को दिया जाने वाला प्रशिक्षण गुणवत्तापरक है या नहीं? इसकी जिम्मेदारी शिक्षाधिकारियों की होगी। शासन की ओर से पूरे 31 दिन की समयसारिणी भी तैयार कर हर जिले के अधिकारी को भेजी गई है। इसके अलावा हर दिन सिखाई गई गतिविधि के बाद अगले दिन दूसरी गतिविधि कराई जाएगी। मगर इससे दूसरे दिन शुरुआत से पहले एक दिन पूर्व में सीखी गतिविधियाें की प्रैक्टिस भी करनी होगी। शासन की ओर से आदेश जारी किए गए हैं कि ये क्रियाकलाप स्कूल में खुले वातारवरण व स्वच्छ वायु के बीच कराई जाएं।
मानदेय देने की व्यवस्था
बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनको आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाएंगे। एक मार्च से हर विद्यालय में ये कार्यक्रम शुरू कराने के निर्देश जिला पीटीआइ को दे दिए गए हैं। इसमें जिले में कार्यरत अनुदेशक व शारीरिक शिक्षा के शिक्षक भी जुटेंगे। इनको मानदेय देने की व्यवस्था भी की गई है।