सीजीएसटी के आडिट में फंस गईं अलीगढ़ -मथुरा की 24 कंपनियां Aligarh news
केंद्रीय वस्तु व सेवाकर (सीजीएसटी) विभाग के आडिट में अलीगढ़ व मथुरा की 24 कंपनियां व फर्म संदिग्धता के घेरे में आ गई हैं। इनके दस्तावेजों में हेराफेरी की आशंका है। अब इन कंपनियों व फर्मों का उत्तर प्रदेश वाणिज्य कर विभाग आडिट करेगा।
अलीगढ़, जेएनएन : केंद्रीय वस्तु व सेवाकर (सीजीएसटी) विभाग के आडिट में अलीगढ़ व मथुरा की 24 कंपनियां व फर्म संदिग्धता के घेरे में आ गई हैं। इनके दस्तावेजों में हेराफेरी की आशंका है। अब इन कंपनियों व फर्मों का उत्तर प्रदेश वाणिज्य कर विभाग आडिट करेगा। विभाग के अफसरों ने आशंका जताई है कि इन कंपनियों ने बोगस फर्मों से खरीद -बिक्री कर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का लाभ लिया है। इस तरह का फर्जीवाड़ा करने वालों से वसूली भी की जा सकती है।
एक सप्ताह पहले सौंपी गयी सूची
वाणिज्य कर विभाग के अलीगढ़ जोन में अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, एटा व कासगंज जिले शामिल हैं। सीजीएसटी के आयुक्त आडिट (लखनऊ) ने प्रदेश के वाणिज्य कर विभाग को करीब एक सप्ताह पहले सूची सौंपी है। इसमें प्रदेश की 1200 फर्म व कंपनियों को शक में घेरे में लिया गया है। अलीगढ़ जोन की 24 फर्म व कंपनियों में से 11 मथुरा व 13 अलीगढ़ की हैं। इनके वर्ष 2017-18 व 2018-19 के जीएसटी केस आडिट के लिए चिह्नित किए गए हैं। ये आडिट एक जुलाई 2017 से दो साल का होगा। यानी वित्त वर्ष 2017-18 व 2018-19 का हिसाब किताब शामिल रहेगा। जिन कंपनियों या फर्मों का आडिट होना है उनमें अलीगढ़ शहर के नामचीन कारोबारी शामिल हैं।
आइटीसी का ले लिया लाभ
जीएसटी में बड़े स्तर पर खेल हो रहा है। पिछले दिनों एक संदिग्ध फर्म पर वाणिज्य कर विभाग की एसआइबी टीम ने छापा मारा था, जिसमें बोगस फर्म के दस्तावेज मिले। जांच मेंं 60 लाख रुपये का आइटीसी का लाभ लेना पाया गया। इससे अब वसूली की कार्रवाई चल रही है।
जांच के ये होंगे बिंदु
- फर्म व कंपनी के रिकार्ड की होगी जांच।
- आइटीसी के दावों की खोली जाएगी गठरी।
- खरीद-बिक्री के बिलों की होगी जांच।
- कंपनी व फर्म के सीए के स्तर से जांचे गए दस्तावेजों को खंगाला जाएगा।
- स्टाक व माल सप्लाई के संसाधनों की होगी जांच।
- माल के आवागमन की होगी जांच।
- डिलीवरी व कच्चे माल के वाहनों की होगी जांच।
- दाखिल किए गए रिटर्न व अदा किया गया टैक्स भी आएगा जांच के दायरे में
इनका कहना है
सेंट्रल जीएसटी विभाग ने आठ माह पहले आडिट शुरू कर दिया है। स्टेट जीएसटी विभाग शुरू करने जा रहा है। संदिग्ध फर्मों की सूची मिलते ही यहां भी जांच शुरू कर दी जाएगी।
विनय आस्थाना, एडिश्नल कमिश्नर, ग्रेड वन, वाणिज्य कर विभाग