अलीगढ़ के खैर में जहर खिलाकर 23 बंदरों को मारा Aligarh news

गांव मऊ नगला की घटना अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज। 24 बंदरों को खिलाया गया जहरीला पदार्थ एक की जान बची। पुलिस ने जांच में जुटी पशु चिकित्सकों ने तीन नमूने लिए।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 09:30 AM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 04:17 PM (IST)
अलीगढ़ के खैर में जहर खिलाकर 23 बंदरों को मारा Aligarh news
अलीगढ़ के खैर में जहर खिलाकर 23 बंदरों को मारा Aligarh news

अलीगढ़ [जेएनएन] क्षेत्र के गांव मऊ में सोमवार को 23 बंदरों की जहरीला पदार्थ खाने से मौत हो गई। एक जिंदा बच गया, जिसे इलाज के बाद वन विभाग ने जंगल में छोड़ दिया। माना जा रहा है कि बंदरों को पकडऩे के लिए किसी ने नशीला या जहरीला पदार्थ खिलाया है। मृत बंदरों का पोस्टमार्टम कराया गया है। घटना की रिपोर्ट अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कराई गई है। क्षेत्रीय वनाधिकारी ओमपाल सिंह का कहना है क‍ि ऐसा लग रहा है कि बंदरों को पकडऩे के लिए अधिक मत्रा में नशीला पदार्थ खिलाया गया, जिससे उनकी मौत हो गई। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि उन्हें क्या खिलाया गया। पशु चिकित्सकों ने तीन नमूने लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट का है इंतजार 

सुबह ग्र्रामीण घूमने गए थे। गांव मऊ नगला के बाहर उन्हें बंदर अचेत पड़े नजर आए। इसकी जानकारी के बाद लोगों की भीड़ लग गई। सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई, जिसने ग्र्रामीणों के सहयोग से 24 बंदरों को मैक्स गाड़ी में रखवाकर पशु अस्पताल पहुंचवाया। यहां 23 बंदर मृत घोषित कर दिए गए, जिन्हें पोस्टमार्टम के बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने दफना दिया। एक बंदर का अस्पताल में इलाज किया गया। घटना के संबंध में वन विभाग के खैर बीट प्रभारी उदयवीर सिंह ने अज्ञात लोगों के  खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार पंवार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया बंदरों को जहर दिया लगता है। क्या खिलाया गया, यह जानने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

 कार्रवाई न हुई तो करेंगे आंदोलन 

बजरंग दल के महानगर संयोजक गौरव शर्मा ने कहा कि एक साथ इतने बंदरों को मारना कोई बड़ी साजिश है। ङ्क्षहदू समाज बंदरों को नहीं मार सकता है। इस मामले में प्रशासन को जांच करानी चाहिए, जो भी दोषी हो उसके खिलाफ की जाए। ऐसा न किया गया तो  विहिप आंदोलन करेगी। 

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