Corona infection : 20 फीसद छात्र ही कर रहे डिग्री कॉलेजों का रुख Aligarh news

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की ओर से 23 नवंबर से डिग्री कॉलेजों को 50 फीसद छात्र संख्या के साथ खोलने की अनुमति दी गई थी। इसके तहत कॉलेजों में ऑड-इवन व्यवस्था से विद्यार्थियों को बुलाना शुरू किया गया।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 06:00 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 06:00 PM (IST)
Corona infection : 20 फीसद छात्र ही कर रहे डिग्री कॉलेजों का रुख Aligarh news
अभी भी केवल 20 फीसद छात्र-छात्राएं ही कॉलेजों की ओर रुख कर रहे हैं।

अलीगढ़, जेएनएन : डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की ओर से 23 नवंबर से डिग्री कॉलेजों को 50 फीसद छात्र संख्या के साथ खोलने की अनुमति दी गई थी। इसके तहत कॉलेजों में ऑड-इवन व्यवस्था से विद्यार्थियों को बुलाना शुरू किया गया। पहले दिन विद्यार्थियों को नियमों को बताने के उद्देश्य से बुलाया गया था। मगर अभी भी केवल 20 फीसद छात्र-छात्राएं ही कॉलेजों की ओर रुख कर रहे हैं। जिले में तीन एडेड कॉलेजों डीएस डिग्री कॉलेज, एसवी डिग्री कॉलेज और टीआर गर्ल्‍स डिग्री कॉलेजाें में 20 से 25 फीसद छात्र-छात्राएं ही पढ़ने के लिए आ रहे हैं। 

ऑड-इवन पद्धति से बुलाया जाएगा

एसवी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. पंकज कुमार वार्ष्‍णेय ने बताया कि, विद्यार्थियों को 50 फीसद संख्या के साथ व ऑड-इवन पद्धति के जरिए ही बुलाया गया है। मगर अभी ज्यादा विद्यार्थी कॉलेज आने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। पहले दिन विद्यार्थी लगभग 90 फीसद की संख्या में आए थे। मगर अगले दिनों में ये आंकड़ा 20 से 25 फीसद तक ही सिमट गया है। विद्यार्थियों के अभिभावकों से भी संपर्क किया जा रहा है। जिससे वो अपने बच्चाें को तय दिन के हिसाब से कॉलेज भेजना सुनिश्चित करें। डीएस डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. हेमप्रकाश ने बताया कि, पहले दो दिनों के मुकाबले छात्र-छात्राओं की संख्या में कमी आई है। फार्म व फीस जमा करने को आने वाले विद्याथी ही ज्यादातर कॉलेज की ओर रुख कर रहे हैं।

बढ़ते संक्रमण ने रोकी कॉलेज की राह

कॉलेजों के ही सूत्रों की मानें तो बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते ही छात्र-छात्राओं ने कॉलेजों का रुख करने का इरादा छोड़ दिया है। कोई भी अभिभावक अपने बच्चों का जीवन खतरे में डालना नहीं चाह रहे हैं। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए काॅलेजों में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं, फिर विद्यार्थियों का न आना यही संकेत देता है कि विद्यार्थी भी अभी वैक्सीन आने तक इंतजार करना चाह रहे हैं।

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