अलीगढ़ में 81 लाख के गबन में 18 मीटर रीडर भी रडार पर
जवां में विद्युत विभाग में 81 लाख रुपये गबन के मामले में 18 मीटर रीडर और एक सुपरवाइजर भी संदेह के घेरे में हैं। सोमवार को बिलिंग एजेंसी फ्यूएंट ग्रिड लिमिटेड के प्रतिनिधि इनके खिलाफ तहरीर लेकर थाना जवां पहुंचे।
अलीगढ़, जेएनएन। जवां में विद्युत विभाग में 81 लाख रुपये गबन के मामले में 18 मीटर रीडर और एक सुपरवाइजर भी संदेह के घेरे में हैं। सोमवार को बिलिंग एजेंसी फ्यूएंट ग्रिड लिमिटेड के प्रतिनिधि इनके खिलाफ तहरीर लेकर थाना जवां पहुंचे। लेकिन पुलिस ने यह कहते हुए तहरीर नहीं ली कि प्रकरण में मुकदमा दर्ज है, एक ही मामले में दो मुकदमे नहीं हो सकते। विवेचना में अन्य लोगों के नाम शामिल किए जाएंगे। उधर, मीडर रीडरों ने एसएसपी को ज्ञापन देकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
यह है मामला
विद्युत उपकेंद्र बरौली अमरौली पर बतौर कैशियर नियुक्त अजय कुमार को गबन के मामले में पांच दिन पूर्व जेल भेजा गया था। 24 मई को उसे निलंबित कर दिया गया। पुलिस ने तीन दिन रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की तो कुछ और तथ्य मिले। जांच में पता चला कि उपभोक्ताओं से बिल के रुपये लेकर आरटीजीएस व नेफ्ट की रसीद थमा दी गईं। लेकिन रकम बैंक में जमा नहीं हुई। जवां थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार का कहना है कि मामला साइबर क्राइम से संबंधित है। विवेचना में जो भी नाम सामने आएंगे, उन्हें नामजद किया जाएगा। वहीं, अधीक्षण अभियंता देहात धर्मेंद्र सारस्वत ने बताया कि बिलिंग कंपनी फ्यूएंट ग्रिड लिमिटेड के प्रतिनिधि 18 मीटर रीडर और एक सुपरवाइजर के खिलाफ तहरीर देने थाने गए थे। पुलिस ने तहरीर नहीं ली तो एसएसपी को डाक द्वारा भेजी गई। इधर, मीटरों रीडरों ने एसएसपी को दिए ज्ञापन में कहा है कि पुलिस बारीकी से जांच करने के बाद ही कार्रवाई करे। किसी निर्दोष को जेल न भेजा जाए।