102 व 108 एंबुलेंस कर्मियों ने किया चक्का जाम, मरीजों को परेशानी Aligarh news
जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के आह्वान पर कर्मचारियों ने चक्का जाम कर दिया है। जिले में कहीं भी 102 108 व एएलएस एंबुलेंस का संचालन नहीं हो रहा। इससे घायलों गर्भवती व अन्य गंभीर मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।
अलीगढ़, जेएनएन। जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108, 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के आह्वान पर कर्मचारियों ने चक्का जाम कर दिया है। जिले में कहीं भी 102, 108 व एएलएस एंबुलेंस का संचालन नहीं हो रहा। इससे घायलों, गर्भवती व अन्य गंभीर मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। कर्मचारियों ने सभी एंबुलेंस रामघाट रोड, औद्योगिक क्षेत्र स्थित मैदान में खड़ी कर दी हैं। कर्मचारी संचालन कंपनी बदले जाने के बाद समायोजन व अन्य मांगों को लेकर सप्ताहभर से आंदोलन कर रहे हैं।
1200 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में
प्रदर्शन करते हुए कर्मचारियों ने कहा की एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस जिस का संचालन जीवीके ईएम आर आई के द्वारा किया जा रहा है। लेकिन अब नेशनल हेल्थ मिशन के द्वारा टेडर जिगित्सा हेल्थ लिमिटेड कंपनी को दिया गया है जिसके कारण लगभग 1200 कर्मचारियों की नौकरी के ऊपर तलवार लटक गई हैं। पुरानी कंपनी की तरफ से आए एचआर हेड के द्वारा पक्ष रखते हुए श्रम विभाग को भ्रमित किया गया कि कंपनी ने अभी तक किसी भी कर्मचारी का टर्मिनेशन नहीं किया है।
विज्ञापन निकालकर हो रही नयी नियुक्तियां
नई कंपनी जिगित्सा हेल्थ लिमिटेड के द्वारा एएलएस गाड़ियों पर पायलट और इमरजेंसी मेडिकल टेक्निशियन की नियुक्तियों के लिए विज्ञापन निकालकर लगातार नए कर्मचारियों की नियुक्तियां कर रही। संघ के पदाधिकारी नई कंपनी से अपने पुराने कर्मचारियों को समायोजित करने बारे मिले तो कंपनी ने 25 हजार का डीडी और वेतन 10 हजार 700 देने के लिए बोला । जिससे कर्मचारी बिल्कुल भी सहमत नहीं है। पुराने सभी कर्मचारी अनुभवी है और सिर्फ समायोजित करने का कार्य एएचएम और कंपनी को करना था लेकिन कर्मचारियों से कंपनी प्रशिक्षण के नाम पर अवैध वसूली करने पर अमादा है। जिससे कर्मचारियों में भारी रोष है।
ये हैं एंबुलेंस कर्मियों की मांगे कर्मचारियों को न बदला जाए और वेतन मे कटौती ना की जाए, पुराने अनुभवी कर्मचारी ही रखें जाए। कर्मचारी समायोजित के दौरान संचालन करता कंपनी द्वारा प्रशिक्षण के नाम किसी भी कर्मचारी से डीडी ना लिया जाए। जब गाड़ी सरकारी कर्मचारी की ट्रेनिगं सरकार के पैसे से तो कंपनी बीच मे क्यों ? कर्मचारियों को हरियाणा की भांति नेशनल हेल्थ मिशन के अधीन करना चाहिए। कोरोना महामारी के दौरान अग्रणी भूमिका निभा रहे कोरोना योद्धा एंबुलेंस कर्मचारियों को ठेकेदारी से निजात मिलनी चाहिए। कोरोना में शहीद हुए आश्रितों के परिवार को जल्द बीमा राशि 50 लाख और सहायता राशि सरकार की तरफ से जल्द जारी हो। जब तक राज्य में एंबुलेंस कर्मचारियों को नेशनल हेल्थ मिशन के अधीन नहीं किया जाता तब तक 18 हजार न्यूनतम वेतन लागू कर प्रतिवर्ष महंगाई भत्ता भी दिया जाए।