Amazing : किसान की मौत के 10 साल बाद बेटों से हुई 225 रुपये की रिकवरी Aligarh news

जवां के एक किसान ने 16 साल पहले बैंक से लोन लिया था। तब किसी तरह सौ रुपये बकाया रह गए। 10 साल पहले किसान की मौत भी हो गई। लेकिन बैंक ने अब जाकर उनके बेटे के नाम 225 रुपये की रिकवरी का नोटिस भेजा।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 09:00 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 09:00 AM (IST)
Amazing : किसान की मौत के 10 साल बाद बेटों से हुई 225 रुपये की रिकवरी Aligarh news
बैंक ने दस साल बाद अब जाकर उनके बेटे के नाम 225 रुपये की रिकवरी का नोटिस भेजा।

सुमित शर्मा, अलीगढ़। इसे अनदेखी कहें या लापरवाही। लेकिन, किसी की मौत के 10 साल बाद अगर लोन की रिकवरी का नोटिस भेजा जाए तो हैरान होना लाजिमी है। हरदुआगंज की सेंट्रल बैंक आफ इंडिया में एक ऐसा ही दिलचस्प प्रकरण सामने आया है। जवां के एक किसान ने 16 साल पहले बैंक से लोन लिया था। तब किसी तरह सौ रुपये बकाया रह गए। 10 साल पहले किसान की मौत भी हो गई। लेकिन, बैंक ने अब जाकर उनके बेटे के नाम 225 रुपये की रिकवरी का नोटिस भेजा। हालांकि बेटे ने रकम जमा कर दी है। 

22 दिसंबर 2004 का मामला

दि अलीगढ़ बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता गणेश कुमार शर्मा के मुताबिक, जवां के गांव नगौला निवासी किसान ज्ञान प्रकाश ने 22 दिसंबर 2004 को किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 23 हजार का लोन लिया था। उनका खाता हरदुआगंज की सेंट्रल बैंक आफ इंडिया में था। अहमदाबाद निवासी ज्ञान प्रकाश के बेटे इंजीनियर अशोक कुमार ने बताया कि लोन लेने के तीन-चार माह के अंदर पिता ने लोन अदा कर दिया था। लेकिन, करीब एक हजार रुपये की अदायगी रह गई थी। उस वक्त सरकार की ओर से कर्जामाफी स्कीम चल रही थी। उनके पिता को भी इसका लाभ मिला। लेकिन, कर्जामाफी के बावजूद सौ रुपये बकाया रह गए। लेकिन, इस बात की जानकारी पिता को नहीं दी गई थी। वर्ष 2011 में ज्ञान प्रकाश की मौत हो गई। अशोक ने बताया कि अप्रैल 2021 में उनके मूल निवास जवां में लोन की 225 रुपये की रिकवरी को लेकर नोटिस भेजा गया है। नोटिस ज्ञान प्रकाश के बड़े बेटे दिल्ली के दुर्गापुरी निवासी कारोबारी बनवारी लाल के नाम पर था। इसे देखते हुए अशोक अलीगढ़ आए। उन्होंने शनिवार को हरदुआगंज स्थित बैंक में जाकर बकाया रकम की अदायगी कर दी है। तब जाकर उनका लोन एकाउंट बंद किया गया है। 

पिता ने लिया था एक और लोन 

अशोक के मुताबिक, पिता ज्ञान प्रकाश ने वर्ष 2004 और 2011 के बीच एक और लोन लिया था। इसकी पूरी अदायगी कर दी गई थी। इसके बावजूद उनके पुराने लोन के बकाया के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। न ही पुराने लोन की कोई एनओसी दी गई। 

25 साल से बाहर रह रहे बेटे 

ज्ञान प्रकाश के दोनों बेटे करीब 25 साल से बाहर रह रहे हैं। ऐसे में जवां स्थित मूल निवास में कोई नहीं रहता। जब बैंक की ओर से नोटिस आया तो उनके एक रिश्तेदार के जरिये जानकारी हो सकी। अशोक का कहना है कि जब बैंक में जाकर कहा गया कि 16 साल से कोई जानकारी क्यों नहीं दी। तो जवाब मिला कि पहले भी नोटिस भेजे गए थे। 

लीगल नोटिस भेजेंगे : गणेश शर्मा 

अधिवक्ता गणेश शर्मा ने बताया कि जब सरकार ने तमाम किसानों की कर्जमाफी की है तो क्या ये 100 रुपये उस दायरे में नहीं आए? एक किसान की मौत के 10 साल बाद बैंक ने उनके बेटों से रिकवरी की है। इस तरह गैरजरूरी तरीके से लोगों को परेशान करना उचित नहीं है। इसे लेकर बैंक को लीगल नोटिस भेजा जाएगा। 

इनका कहना है

मामला संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा कोई प्रकरण है तो जांच का विषय है। जांच की जाएगी कि लोन की अदायगी के बाद भी एकाउंट बंद क्यों नहीं किया गया। 

- एके सिंह, लीड बैंक मैनेजर

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