युवा तलाश रहे एकांत की जगह, पार्कों में लग रही यह विशेष 'क्लास' Agra News

पबजी खेलने को युवा तलाश रहे एकांत जगह। दोपहर में पार्कों में गेम खेलते देखे जा सकते हैं छात्र।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Mon, 09 Dec 2019 03:01 PM (IST) Updated:Mon, 09 Dec 2019 03:01 PM (IST)
युवा तलाश रहे एकांत की जगह, पार्कों में लग रही यह विशेष 'क्लास' Agra News
युवा तलाश रहे एकांत की जगह, पार्कों में लग रही यह विशेष 'क्लास' Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। पबजी गेम ने बच्चों से लेकर बड़े तक अपनी गिरफ्त में कर लिया है। दिन हो या रात, जब भी समय मिला पबजी खेलने लग गए। पबजी की लत से उग्र हो रहे बच्चों पर अब घर वालों ने पाबंदी लगानी शुरू की है तो वह गेम खेलने के लिए एकांत जगह की तलाश कर रहे हैं। ऐसे में वह पार्क और ऐसे स्थान पर जा रहे हैं, जहां उन्हें कोई टोकने वाला न हो।

आनलाइन गेम पबजी ने युवाओं को अपनी गिरफ्त में इस कदर लिया है कि उन्हें गेम खेलने के लिए घर अच्छा नहीं लग रहा। गेम के दौरान कोई परेशान न करें इसलिए वह एकांत स्थान पर घंटों गेम खेल रहे हैं। कॉलेज या कोचिंग के बाद छात्रों को पार्क में बैठे देखा जा सकता है। कान में लीड लगाए और हाथ में मोबाइल लेकर वह गेम खेलते रहते हैं। शहीद स्मारक में गेम खेल रहे एक छात्र ने बताया कि बीच में कोई परेशान न करे, इसलिए वह पार्क में आ जाते हैं। घर में कोई न कोई टोक देता है ऐसे में पूरा गेम बिगड़ जाता है। यह केवल छात्रों का हाल नहीं बल्कि नौकरी करने वाले भी पबजी की गिरफ्त में हैं। जब भी उन्हें समय मिलता है, वह गेम खेलने लग जाते हैं। शाम को भी घर पहुंचते ही मोबाइल लेकर बैठ जाते हैं।

चंद मामले

केस-1 : शहीद स्मारक पार्क में एक कोने में बैठकर युवक पबजी खेल रहा था। अक्सर पार्क में उसे मोबाइल पर गेम खेलते देखा जा सकता है।

केस-2 : बीएससी कर रहा बोदला निवासी छात्र शाम को घर पहुंचते ही छत पर पहुंच जाता है। दरवाजा लगाकर घंटों पबजी खेलते रहता है।

मोबाइल लेकर पहुंच रहे स्कूल

ऐसे कई युवा हैं, जो पबजी के कारण स्कूल से ही छुट्टी ले लेते हैं। स्कूलों में अटेंडेंस कम हो रही है। पढ़ाई में ध्यान नहीं देते। होमवर्क अधूरा रहता है। एग्जाम में परसेंटेज पर भी फर्क पड़ रहा है। कुछ बच्चे तो बैग में मोबाइल छिपाकर स्कूल में ले जा रहे हैं। शिकायत मिलने पर स्कूलों में बच्चों पर नजर रखी जा रही है। शिक्षिका स्वाति शर्मा ने बताया कि स्कूल में कई बार बच्चे मोबाइल ले आते हैं। चेकिंग में मोबाइल मिल जाते हैं।

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