Suicide Case in Agra: मोहब्बत के शहर आगरा में जिंदगी से नाराजगी, बढ़ रहे खुदकुशी के मामले
Suicide Case in Agra नए साल की शुरूआत हुए अभी 11 दिन ही हुए हैं। इतने ही दिन में चार लोग खुदकुशी कर चुके हैं। पिछले साल करीब 250 से ज्यादा लोगों ने खुदकुशी की थी। लाकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा लोगों ने खुदकुशी की।
आगरा, अली अब्बास। केस एक: डौकी के नगरिया गांव में छह जनवरी की सुबह 45 वर्षीय दिनेश ने बेटे को डांट दिया। बेटे को डांटने पर क्षुब्ध होकर उसने खुदकुशी कर ली। पिता की मौत का बारह साल के बेटे को जबरदस्त सदमा लगा। पिता के शव को फंदे से उतारने के एक घंटे बाद उसी मफलर के फंदे को बेटे ने भी गले पर कस लिया। एक घंटे के अंतराल पर पिता-पुत्र की मौत लगाने की घटना ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया है। अगर पिता ने परिवार को अपनी संवेदनाओं और समस्या से रूबरू कराया होता तो दोनों ही इस दुनिया में होते।
केस दो: सदर के राजपुर चुंगी निवासी आरती (25 साल) 11 जनवरी को फंदे पर लटकी मिली। घटना के पीछे ससुराल वालों का मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न था। वहीं 10 जनवरी को सिकंदरा के गढ़ी बाईपुर निवासी प्रीति का फंदे पर शव लटका मिला। यहां भी जिंदगी के खत्म होने के पीछे मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न की कहानी थी। दोनों मामलों में मुकदमा दर्ज हो गया। मगर, दो जिंदगी मौत के आगोश में जा चुकी थीं।
नए साल की शुरूआत हुए अभी 11 दिन ही हुए हैं। इतने ही दिन में चार लोग खुदकुशी कर चुके हैं। मोहब्बत के शहर में जिंदगी से नाराजगी के मामले बढ़ रहे हैं। इसके चलते लोग खुदकुशी कर रहे हैं। खुदकुशी की इन बढ़ती घटनाओं के पीछे तनाव, पारिवारिक विवाद, दांपत्य जीवन में अशांति समेत कई कारण हैं। जबकि पिछले साल करीब 250 से ज्यादा लोगों ने खुदकुशी की थी। लाकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा लोगों ने खुदकुशी की। इसके पीछे तनाव, आर्थिक, पारिवारिक कारण प्रमुख थे।
क्या कहता है राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो का रिकार्ड
- वर्ष 2019 में देश में 1,39,123 लोगों ने खुदकुशी की।
- वर्ष 2019 में 43000 हजार किसानों और दिहाड़ी मजदूरों ने खुदकुशी की।
- वर्ष 2019 में खुदकुशी करने वालों में सबसे ज्यादा 32,563 लोग दिहाड़ी मजदूर थे।
- वर्ष 2019 में खुदकुशी करने वाले 66.70 फीसद शादीशुदा और 23.60 फीसद कुंवार थे।
- वर्ष 2018 में 1,34,516 और वर्ष 2017 में 1,29,887 लोगों ने खुदकुशी की थी।
मृतकों में सबसे ज्यादा श्रमिक वर्ग
-23.4 फीसद: दिहाड़ी मजदूर
-15.4 फीसद: गृहिणियां
-11.6 फीसद: स्व रोजगार करने वाले
-10.1 फीसद: बेरोजगार
-9.1 फीसद: वेतनभोगी या पेशेवर
-7.4 फीसद: छात्र या कृषि क्षेत्र से जुड़े लोग ।
यह थे कारण
-32.4 फीसद: पारिवारिक कारणों वैवाहिक (मुद्दों को छोड़कर)
-17.1 फीसद: बीमारी के चलते
-5.5 फीसद: शादी संबंधी कारणों से
-70.2 फीसद: हर सौ मामलों में खुदुकशी करने वाले पुुरुष थे
-29.8 फीसद: हर सौ मामलों में खुदकुशी करने वाली महिलाएं थीं।