बटेश्वर में दीयों की रोशनी से झिलमिलाई यमुना नदी

रानी घाट पर श्रद्धालुओं ने यमुना में किए प्रवाहित जलते दीये बैकुंठ चौदस पर देश के कई राज्यों से पहुंचे श्रद्धालु

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 06:00 AM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 06:00 AM (IST)
बटेश्वर में दीयों की रोशनी से झिलमिलाई यमुना नदी
बटेश्वर में दीयों की रोशनी से झिलमिलाई यमुना नदी

जेएनएन, आगरा। उत्तर भारत के प्रमुख तीर्थस्थल बटेश्वर में पूर्वजों के मोक्ष के लिए देश भर से बड़ी की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने यमुना नदी में दीपदान किया। रविवार रात को यमुना नदी का आचमन कर दीये जलाकर यमुना में प्रवाहित किए तो नदी झिलमिला उठी। इस दौरान कालिंदी के घाट पर लोगों की भीड़ लग गई। उन्होंने इस पल को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद किया।

पूर्वजों को मोक्ष की मंगलकामना के लिए यहां उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों से श्रद्धालु पहुंचे। यमुना नदी में जलता दीया विसर्जित कर दूसरा दीया पंचमुखी मंदिर में रखा। बैकुंठ चौदस पर यमुना नदी का नजारा आसमान में तारों की टिमटिमाहट से कम नहीं था। बटेश्वर मंदिर के महंत जयप्रकाश गोस्वामी ने कहा कि बैकुंठ चौदस पर दीपदान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन यमुना नदी में दीपदान करने से पूर्वजों को मोक्ष परम पद प्राप्त होता है। पुलिस रही चौकस

बीते वर्षो में पूर्णिमा पर्व की पूर्व संध्या पर बटेश्वर में एक लाख तक श्रद्धालु पहुंचते थे। कोरोना काल के कारण इस बाद परिस्थिति बदली हुई हैं। इसी के चलते रविवार को बटेश्वर में पुलिस व्यवस्था चौकस रही। केवल दीपदान करने वालों को ही जाने दिया गया। पुलिस ने जगह-जगह बैरियर लगाकर आने वालों की जांच की। सभी घाटों पर पुलिस तैनात रही। बंद कराईं पूजा सामग्री की दुकानें

मंदिर परिसर में लगने वाली पूजा सामग्री, फूल, बेलपत्र आदि की बिक्री करने वालों की दुकानें पुलिस ने बंद करा दी गई है। पुलिस ने कहा कि इससे यहां श्रद्धालु कम संख्या में आएंगे। फोटो 52----दीयों की रोशनी से झिलमिलाती यमुना नदी

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