Taj Mahal: घर पहुंचने के बाद वापस लौटकर नहीं आ रहे हैं मजदूर-ताजमहल, आगरा किला और हाथीखाना का काम प्रभावित

Taj Mahal ताजमहल में दक्षिणी-पश्चिमी मीनार पश्चिमी दीवार रायल गेट के दोनों ओर बने बरामदों आगरा किला में खाई की दीवार और ताजमहल के नजदीक स्थित हाथीखाना का संरक्षण किया जा रहा था। मजदूरों को सता रही विगत वर्ष की तहर फसने की चिंता।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 02:11 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 02:11 PM (IST)
Taj Mahal: घर पहुंचने के बाद वापस लौटकर नहीं आ रहे हैं मजदूर-ताजमहल, आगरा किला और हाथीखाना का काम प्रभावित
मजदूरों को पिछले वर्ष के समान लाक डाउन होने पर फंसने की चिंता सता रही है।

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा स्मारकों में किए जा रहे संरक्षण को प्रभावित कर दिया है। काम करने वाले मजदूरों की संख्या कम हो गई है। घर पहुंचने के बाद मजदूर वापस नहीं आ रहे हैं। उन्हें पिछले वर्ष के समान लाक डाउन होने पर फंसने की चिंता सता रही है।

एएसआइ द्वारा स्मारकों में संरक्षण का कार्य किया जाता है। इन दिनों ताजमहल, आगरा किला, हाथीखाना में संरक्षण कार्य चल रहे थे। ताजमहल में दक्षिणी-पश्चिमी मीनार, पश्चिमी दीवार, रायल गेट के दोनों ओर बने बरामदों, आगरा किला में खाई की दीवार और ताजमहल के नजदीक स्थित हाथीखाना का संरक्षण किया जा रहा था। यह काम ठेकेदार द्वारा लेबर पर कराए जा रहे थे। कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने, नाइट कर्फ्यू और साप्ताहिक बंदी के चलते मजदूरों की संख्या घटकर 35 फीसद रह गई है। आगरा में काम करने वाले अधिकांश मजदूर धौलपुर व भरतपुर के हैं। घर जाने के बाद यह लौटकर नहीं अाए हैं, जिससे संरक्षण कार्य प्रभावित हो गया है। कुछ मजदूर स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की वजह से नहीं आ रहे हैं। केवल खंदौली की तरफ रहने वाले मजदूर ही आ रहे हैं।अधीक्षण पुरातत्वविद डा. वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते मजदूरों की संख्या में कमी आने से संरक्षण कार्य की गति कम हुई है, लेकिन काम निरंतर जारी है। 

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