Agra Fort: आगरा किले में सलीमगढ़ हिस्से में भी होगा काम, ASI ने बनाया प्लान
आगरा किला में सेना के अधिकार क्षेत्र में स्थित है स्मारक। 20.62 लाख रुपये से होगा ड्रेनेज व पाथवे का संरक्षण। यहां ब्रिटिशकालीन ड्रेनेज सिस्टम चौक होने से खराब हो चुका है। कहीं झाड़ियां उग आई हैं तो कहीं उसमें मलबा भर गया है।
आगरा, जागरण संवाददाता। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) आगरा किला में सेना के अधिकार क्षेत्र में स्थित सलीमगढ़ में संरक्षण कार्य करने जा रहा है। यहां ब्रिटिशकालीन ड्रेनेज सिस्टम को सुधारेगा। लंबे समय से देखरेख व संरक्षण के अभाव में यह चौक हो चुका है। यहां बने पाथवे भी सुधारे जाएंगे।
आगरा किला में सैलानियों को अमर सिंह गेट से प्रवेश दिया जाता है। सैलानी अमर सिंह गेट से प्रवेश कर चढ़ाई पर चढ़ते हुए जहांगीरी महल के सामने पहुंचते हैं। जहांगीरी महल के ठीक सामने सलीमगढ़ है। टीले के रूप में नजर आने वाला यह क्षेत्र सेना के अधिकार क्षेत्र में है और वहां सैलानी नहीं जा सकते। यहां एएसआइ ने फेंसिंग कर रखी है। यहां ब्रिटिशकालीन ड्रेनेज सिस्टम चौक होने से खराब हो चुका है। कहीं झाड़ियां उग आई हैं तो कहीं उसमें मलबा भर गया है, जिससे बारिश के पानी की निकासी नहीं हो पाती है। एएसआइ यहां ड्रेनेज सिस्टम का संरक्षण कराने जा रहा है। यहां उगी झाड़ियां साफ करने के बाद चौक हो चुके ड्रेनेज सिस्टम की सफाई कर मरम्मत की जाएगी। खराब हो चुके पाथवे को संवारा जाएगा। इस काम पर करीब 20.62 लाख रुपये व्यय होंगे।
अधीक्षण पुरातत्वविद डा. वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि सलीमगढ़ में ड्रेनेज सिस्टम और पाथवे को सुधारा जाएगा। इसके लिए टेंडर कर दिया गया है।
साउंड एंड लाइट शो में बताते थे कबूतरखाना
सलीमगढ़, बारादरी की तरह बनी रेड सैंड स्टोन की एक इमारत है। इसकी बाहरी दीवारों पर सुराही व गिलास बने हुए हैं। आगरा किला में पूर्व में संचालित होने वाले साउंड एंड लाइट शो में इसे मुगल शहजादे सलीम (शहंशाह जहांगीर) का कबूतरखाना बताया जाता था। शो में शहंशाह जहांगीर और नूरजहां की पहली मुलाकात सलीमगढ़ में होने की बात बताई जाती थी। हालांकि, एक अप्रैल, 2019 से शो बंद चल रहा है।