SNMC में मरीजों की लगी लंबी लाइनें, दो-दो घंटे लगे रहे लाइनों में, ये है वजह

जूनियर डाक्टरों का कार्य बहिष्कार जारी व्यवस्थाएं हुईं ध्वस्त। सीनियर डाक्टरों की बढ़ी जिम्मेदारी 1936 मरीज पहुंचे ओपीडी। सोमवार को जूनियर डाक्टरों ने प्राचार्य को सरकार को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा। मांग की है कि प्राचार्य सरकार तक उनकी मांग पहुंचाने का माध्यम बनें।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 04:53 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 04:53 PM (IST)
SNMC में मरीजों की लगी लंबी लाइनें, दो-दो घंटे लगे रहे लाइनों में, ये है वजह
एसएन मेडिकल कॉलेज में जूनियर डाक्टरों का कार्य बहिष्कार जारी।

आगरा, जागरण संवाददाता। एसएन मेडिकल कालेज के जूनियर डाक्टरों के कार्य बहिष्कार से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।सोमवार को ओपीडी में मरीजों की संख्या ज्यादा होने से व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गईं। मरीजों को दो-दो घंटे का इंतजार करना पड़ा। अस्पताल प्रशासन ने सीनियर डाक्टरों को व्यवस्थाएं संभालने का जिम्मा दिया है।

अस्पताल में जूनियर डाक्टर पिछले कई दिनों से हड़ताल पर चल रहे हैं। विगत शनिवार से उन्होंने ओपीडी और आइपीडी में भी सेवाओं का कार्य बहिष्कार कर दिया। सोमवार को ओपीडी में मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा होती है।उसी क्रम में इस सोमवार को भी 1936 मरीज पहुंचे। ओपीडी में मेडिसिन विभाग, हड्डी रोग विभाग और त्वचा के बाहर मरीजों की लंबी लाइन लगी रही। दर्द से परेशान मरीज लाइन में लगे-लगे थक गए तो फर्श पर ही बैठ गए।ओपीडी में स्थिति यह थी कि मरीजों को दो-दो घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा था। कालेज प्रशासन ने जूनियर डाक्टरों के कार्य बहिष्कार की वजह से सीनियर डाक्टरों को मरीजों को देखने की ड्यूटी पर लगा दिया है। सोमवार को जूनियर डाक्टरों ने प्राचार्य को सरकार को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें उनसे मांग की है कि प्राचार्य सरकार तक उनकी मांग पहुंचाने का माध्यम बनें।

मरीजों की परेशानी

गोकुलपुरा से आई सरोज को गठिया है, एक घंटे से ज्यादा लाइन में खड़ा होना पड़ा तो वहीं जमीन पर बैठ कर ही इंतजार करने लगी। सरोज ने बताया कि उनसे ज्यादा चला नहीं जाता है, ज्यादा देर खड़े होने को डाक्टरों ने ही मना किया है। घटिया आजम खां की सोनिया के बेटे के हाथ में प्लास्टर एसएन मेडिकल कालेज में ही चढ़वाया था। वो अपने बेटे का हाथ दिखाने पहुंची, लाइन लंबी देखी तो प्राइवेट चिकित्सक के पास ले गईं। 

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