महिलाओं ने किया अनुरोध, महंत ने कोठी की दीवार से निकाल लगाया पौधा

आक्सीजन का महत्व आया समझ वट सावित्री पर लगाएंगी बरगद का पौधा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 05:05 AM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 05:05 AM (IST)
महिलाओं ने किया अनुरोध, महंत ने कोठी की दीवार से निकाल लगाया पौधा
महिलाओं ने किया अनुरोध, महंत ने कोठी की दीवार से निकाल लगाया पौधा

आगरा,जागरण संवाददाता।

80 के दशक में जयपुर हाउस की महिलाओं ने बुर्जी वाले मंदिर के महंत बाबू लाल शर्मा से मंदिर में बरगद का पेड़ लगाने का अनुरोध किया। महिलाओं का कहना था कि वट सावित्री की पूजा के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है, मंदिर में पेड़ होगा तो आसानी होगी। महंत बाबू लाल शर्मा उधेड़बुन में लग गए। पर कहते हैं न कि जहां चाह, वहां राह। मंदिर के सामने की कोठी की दीवार में बरगद का पौधा निकला। महंत ने मजदूर की मदद से उसे मंदिर में रोपित किया और वो पौधा अब पेड़ बनकर अपनी छांव से राहत दे रहा है। 42 सालों से कर रहे सेवा

बुर्जी वाले मंदिर में महंत बाबू लाल शर्मा द्वारा लगाए गए बरगद की सेवा अब उनके बेटे महंत जगदीश बाबू शर्मा कर रहे हैं। जगदीश बाबू बताते हैं कि पिताजी के देहांत के बाद हमने जिम्मेदारी ली। आज भी हर साल महिलाएं यहां वट सावित्री की पूजा के लिए आती हैं। जगदीश बाबू ने बताया कि पिताजी ने जब पौधा लगाया था, उसके दो-तीन दिन बाद ही वट सावित्री की पूजा थी। महिलाएं आज भी पिताजी को याद करती हैं। लिया है संकल्प

हिदू धर्म में प्रकृति को ही ईश्वर माना गया है, वैसे तो तुलसी, पीपल, केला जैसे वृक्ष भी पूजनीय हैं, लेकिन इनमें बरगद का पेड़ भी अगाध आस्था का प्रतीक सदियों से है। बरगद जहां सांसों के लिए आक्सीजन देने वाले पेड़ों में दूसरे स्थान पर है। वहीं, इस वृक्ष के नाम पर ही महिलाएं वट सावित्री व्रत रख पति की लंबी आयु की कामना हर साल करती हैं। इस बार वट सावित्री व्रत 10 जून को है।मैंने संकल्प लिया है कि मैं बरगद का पौधा लगाऊंगी।

- मुक्ता कत्याल, आवास विकास कालोनी बरगद जिसे वट वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। बरगद के पेड़ की तमाम खासियत सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक और औषधि के रूप में भी खास हैं। इन दिनों आक्सीजन की जरूरत का महत्व जनमानस समझ चुका है। सनातन धर्म में पूजनीय बरगद औषधीय गुणों से भरपूर है।मैं अपने घर के पास बरगद का पौधा जरूर लगाऊंगी।

- नीतू अग्रवाल,बेलनगंज

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