कागजात तैयार करवाने में ही टूट गई सांसों की डोर, पढ़ें दिल को झकझोरने वाली खबर
अपनो का दर्द- वैक्सीन लगवाने के बाद आता रहा बुखार। दवा से नहीं मिली राहत। डाक्टर ने भर्ती करने के बजाय सीएमओ से लिखवाकर लाने को कहा। मैनपुरी के कुसमरा का है मामला। महिला के पति और दोनों बेटे भी संक्रमित हैं।
आगरा, जेएनएन। मैनपुरी में कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद महिला को बुखार आया। रिश्तेदारों के सहयोग से इलाज को स्वजन फर्रूखाबाद ले गए। जांच में कोरोना पाजीटिव मिलने के बाद जिला अस्पताल के चिकित्सक ने सीएमओ से लिखवाकर लाने की कहकर उपचार को भर्ती करने से मना कर दिया। स्वजन कागजात बनवाने को दौड़े, लेकिन महिला की सांसों की डोर आखिरकार टूट गई।
मामला मैनपुरी के कुसमरा कस्बा के पावर हाउस के समीप रहने वाले सत्यभान पाठक की 54 साल की पत्नी प्रेमलता से जुड़ा है। पुत्र अंकुर पाठक ने बताया कि 15 दिन पूर्व प्रेमलता ने स्थानीय सीएचसी पर कोविड वैक्सीन लगवाई। इसके बाद उनको बुखार आया। तबियत खराब होने पर स्वजन उनको निजी चिकित्सक के यहां ले गए। इंजेक्शन और दवा लेने से महिला की तबियत सुधर गई। बताते हैं कि इसके बाद फिर प्रेमलता को बुखार ने घेर लिया। जानकारी पर फर्रूखाबाद में रहने वाली बहन ने इलाज के लिए प्रेमलता को अपने पास बुला लिया। बुखार तेज होने पर उनको वहां के जिला अस्पताल में डाक्टर को दिखाया गया। जांच कराई तो पाजीटिव निकली। इस पर चिकित्सक ने अस्पताल में भर्ती कराने के लिए सीएमओ से लिखवाकर लाने के कह दिया।
...और टूट गई सांसों की डोर
स्वजन और रिश्तेदार महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराने के लिए सीएमओ से लिखवाने के लिए गए, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। इसी दौरान महिला की तबियत बिगड़ना शुरू हो गई। दो घंटे तक कागज बनवाने को स्वजन इधर- उधर हाथ- पैर मारते रहे, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसी दौरान आक्सीजन का स्तर कम होने से महिला की मौत हो गई।
स्वजन होम क्वांरटीन
फर्रूखाबाद के जिला अस्पताल में सीएमओ से लिखित लाने के कागज के इंतजार में दम तोड़ने वाली महिला के स्वजन भी पाजीटिव हैं। पति और दो बेटों ने खुद को होम आइसोलेट कर रखा है।