सहालग और कम सर्दी से गर्म कपड़ों का कारोबार रहा ठंडा

अधिकांश दुकान और शोरूम पर बच गया 40 फीसद स्टाक

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 09:00 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 09:00 PM (IST)
सहालग और कम सर्दी से गर्म कपड़ों का कारोबार रहा ठंडा
सहालग और कम सर्दी से गर्म कपड़ों का कारोबार रहा ठंडा

आगरा, जागरण संवाददाता। कम सर्दी और सहालग न होने के चलते गर्म कपड़ों का बाजार पहले ही ठंडा चल रहा था। रही सही कसर समय से पहले ही बढ़ते तापमान ने निकाल दी। आलम यह रहा कि डिस्काउंट के बाद भी गर्म कपड़ों की बिक्री जोर नहीं पकड़ सकी। इस बार शोरूम से लेकर छोटी दुकानों तक पर गर्म कपड़ों का स्टाक बच गया है।

कोरोना संक्रमण के चलते गर्मी का सीजन खराब होने के बाद गारमेंट सेक्टर को सर्दी के सीजन में अच्छी बिक्री होने की उम्मीद थी। कम सर्दी पड़ने और जनवरी-फरवरी में सहालग न होने से इस पर भी पानी फिर गया। दुकानदारों की तैयारी के अनुसार खरीदार नहीं आए। नतीजा ये रहा कि दुकानदारों के पास गर्म कपड़ों का करीब 30 से 40 फीसद स्टाक बच गया है। दुकानदारों का कहना है कि सहालग के चलते जनवरी-फरवरी में अधिकांश स्टाक निकल जाता था, लेकिन इस बार दोनों महीने खाली गए। फरवरी में स्टाक क्लीयरिग के लिए डिस्काउंट आफर भी दिए, लेकिन स्टाक खत्म नहीं हुआ है। हीटर, गीजर का स्टाक भी बचा

सर्दी कम पड़ने से इलेक्ट्रोनिक बाजार भी प्रभावित रहा। संजय प्लेस स्थित इलेक्ट्रानिक कारोबारी विनय मित्तल का कहना है कि अच्छी सर्दी की उम्मीद में गीजर, हीटर का पहले से ही स्टाक कर लिया था। सर्दी कम रही, जिसके चलते पिछले साल की तुलना में 30 फीसद कम बिक्री हुई। च्यवनप्राश खूब बिका

कोरोना संक्रमण काल में इम्युनिटी मजबूत करने के लिए लोग विशेष ख्याल रख रहे हैं। यही कारण है कि सर्दी में च्यवनप्राश की खूब मांग रही। पतंजलि स्टोर जयपुर हाउस के दीपक अग्रवाल का कहना है कि सर्दी में च्यवनप्राश की मांग पिछले साल की तुलना में 20 से 30 फीसद ज्यादा रही।

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टाक

सर्दी व सहालग कम होने से इस बार गर्म कपड़ों की बिक्री कम हुई। अधिकांश दुकानदारों के पास स्टाक बच गया है। फरवरी में ही गर्मी होने से डिस्काउंट देने के बाद भी स्टाक नहीं निकल रहा है।

संजीव अग्रवाल, अध्यक्ष आगरा रेडीमेड गारमेंट संगठन इस बार वूलन आइटम की सेल कम रही। इसका कारण जनवरी और फरवरी में सहालग नहीं होना है। सबसे ज्यादा सहालग में गर्म कपड़ों की डिमांड रहती है।

दिनेश मयानी, शोरूम स्वामी सर्दी के सीजन में जैसी उम्मीद थी, वैसी डिमांड नहीं निकली। दिसंबर-जनवरी में सबसे ज्यादा गर्म कपड़ों की बिक्री होती थी, लेकिन इस बार नाम मात्र की सर्दी पड़ने से लोगों ने कम खरीदारी की।

इंद्र कुमार मंगनानी, शोरूम स्वामी

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ये रहे मुख्य कारण

- कोरोना के चलते आर्थिक स्थिति गड़बड़ाने से कम हुई खरीदारी

- पिछले साल की तुलना में सर्दी कम पड़ना।

- जनवरी-फरवरी में सहालग न होने का सबसे ज्यादा पड़ा असर।

- फरवरी में ही तापमान का 30 डिग्री से अधिक पहुंचना।

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