सीएम साहब, आगरा के इन विकास कार्यो को कब मिलेगी रफ्तार

आगरा: शहर की सफाई व्यवस्था हो या फिर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्य। इनकी प्रगति अच्छी नहीं है। सीएम के आगमन पर यह समस्याएं फिर उजागर हो गई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 05:00 AM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 05:00 AM (IST)
सीएम साहब, आगरा के इन विकास कार्यो को कब मिलेगी रफ्तार
सीएम साहब, आगरा के इन विकास कार्यो को कब मिलेगी रफ्तार

आगरा: शहर की सफाई व्यवस्था हो या फिर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्य। इनकी प्रगति अच्छी नहीं है। खराब सफाई व्यवस्था से देश-विदेश में ताजनगरी की छवि धूमिल हो रही है। इसके बाद भी जिस तरीके से कार्य होने चाहिए, वह नहीं हो रहे हैं। कई अन्य प्रोजेक्ट भी ऐसे हैं, जिनकी रफ्तार धीमी है। सीएम साहब की मेहरबानी से इनकी रफ्तार तेज हो सकती है। इससे शहर का विकास होगा। हाईवे का चौड़ीकरण

नेशनल हाईवे टू हो या फिर जयपुर हाईवे। अभी तक चौड़ीकरण का कार्य पूरा नहीं हुआ है। इससे लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। प्रोजेक्ट की कीमत भी बढ़ रही है। वेस्ट टू एनर्जी प्लांट : कुबेरपुर स्थित खत्ताघर में निजी कंपनी द्वारा चार सौ करोड़ की लागत से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बनाया जाएगा। पांच सौ मीट्रिक टन कूड़े से हर दिन दस मेगावाट बिजली बनेगी। ताज ट्रेपेजियम जोन अथारिटी से अभी तक प्लांट को लगाने की अनुमति नहीं मिली है। मेट्रो रेल : शहर में 2022 तक मेट्रो का संचालन प्रस्तावित है। आधा दर्जन बार डीपीआर बदल चुकी है। अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। थीम पार्क : रहनकलां, एत्मादपुर में एक हजार हेक्टेअर जमीन पर थीम पार्क विकसित होना था, लेकिन बड़ी संख्या में जमीन ऐसी है। जिसका अवॉर्ड नहीं हुआ है। किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। गंगाजल प्रोजेक्ट : अब तक पांच बार अंतिम अवधि बढ़ चुकी है। अक्टूबर तक शहर में गंगाजल आना है, लेकिन जिस तरीके से कार्य चल रहा है। उसे पूरा होने में दो से तीन माह का समय लगेगा। सफाई व्यवस्था : शहर की सफाई व्यवस्था बदहाल है। केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री केजे अल्फोंस शहर को स्लम बता चुके हैं। जगह जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। अतिक्रमण की मार : एमजी रोड हो या फिर फतेहाबाद रोड। हर रोड पर अतिक्रमण है। पुलिस-प्रशासन और नगर निगम द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जाम की समस्या : शहर में जाम की समस्या किसी से छिपी नहीं है। हर दिन एमजी रोड व नेशनल हाईवे के विभिन्न चौराहों पर जाम लगता है। नहीं रुकी पॉलीथिन की बिक्री : प्रदेश सरकार ने 15 अगस्त से 50 माइक्रॉन से कम की पॉलीथिन की बिक्री पर रोक लगा दी, लेकिन आदेश कागजों तक सीमित है। अवैध निर्माण पर नहीं अंकुश : एडीए अवैध निर्माण को रोकने में फेल साबित हो रहा है। शहर में नौ हजार अवैध निर्माण चिन्हित हैं पर ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। बंदर व आवारा जानवर बने सिरदर्द : शहर में बंदर व आवारा जानवर लोगों के लिए सिरदर्द बन गए हैं। आए दिन बंदर लोगों पर हमला बोल रहे हैं। जानवरों की चपेट में आकर लोग घायल हो रहे हैं। बैराज : ताज बैराज पर अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। सिर्फ प्रस्ताव बन चुका है, लेकिन वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अभी तक अनुमति नहीं मिली है।

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