Plantation Campaign: पौधे लगाने के शौक को बनाना होगा जरूरत, वेबिनार में संस्थाओं ने लिया संकल्प

Plantation Campaign दैनिक जागरण के आओ रोपें अच्छे पौधे अभियान के तहत हुआ वेबिनार। संस्थाओं और सोसायटियों ने लिया पौधे लगाने का संकल्प। विदेशों से आने वाले पर्यटक भी हमारे शहर की हरियाली को देख उसके कायल हो जाएं।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 03:20 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 03:20 PM (IST)
Plantation Campaign: पौधे लगाने के शौक को बनाना होगा जरूरत, वेबिनार में संस्थाओं ने लिया संकल्प
दैनिक जागरण के आओ रोपें अच्छे पौधे अभियान के तहत हुआ वेबिनार।

आगरा, जागरण संवाददाता। पौधे लगाना अब शौक नहीं जरूरत बन गया है।भारतीय संस्कृति में पौधे लगाना, पेड़ों की पूजा करना शामिल है। किसी अन्य संस्कृति या देश में पेड़े-पौधों की पूजा नहीं होती, पर हमारे देश में तुलसी, पीपल, बरगद आदि पेड़-पौधों की पूजा होती है। यह विचार शनिवार को दैनिक जागरण द्वारा आओ रोपें अच्छे पौधे अभियान के तहत हुई वेबिनार में व्यक्त किए गए। कुछ सोसायटी और संस्थाओं के सदस्यों ने वेबिनार में इस पहल को सराहनीय बताते हुए सहयोग करने का वायदा किया।

फतेहाबाद रोड स्थित पारसनाथ प्रेरणा सोसायटी की छवि शर्मा ने कहा कि हर साल प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग की स्थिति से सभी अवगत है। कोरोना काल में आक्सीजन की क्या स्थिति रही है, यह भी किसी से छिपा नहीं है। हमें पता है कि अस्पतालों में मरीजों को दी जाने वाली आक्सीजन अलग होती है, पर प्राकृतिक आक्सीजन का मुकाबला कोई नहीं कर सकता। अगर प्राकृतिक रूप से ही इंसान स्वस्थ रहे तो क्या बुराई है। हमारी सोसायटी दैनिक जागरण के इस अभियान में पूरा सहयोग करेगी।

आगरा महानगर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण मिश्रा ने कहा कि हर साल हम आगरावासी मानसून का इंतजार ही करते रह जाते हैं। अच्छी बरसात सालों से नहीं देखी। इसके लिए हम ही जिम्मेदार हैं, अपनी गलतियों को स्वीकारते हुए हमें ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने होंगे। अपने घरों के अलावा हर उस स्थान पर एक पौधा रोपें, जो खाली है। इससे जानवरों को भी गर्मी से राहत मिलेगी। हमारी एसोसिएशन दैनिक जागरण के अभियान में सहयोग करेगी।

पंजाबी सभा सिकंदरा इकाई के कांत खत्री ने कहा कि पौधे लगाना उतना ही जरूरी हो गया जितना अब सांस लेना। यही पौधे तो हमें सांसें देते हैं। यह नौबत ही क्यों आने दें कि अस्पतालों के बेडों पर आक्सीजन लेनी पड़े। पौधे लगाएं भी और उनकी देखभाल भी करें। इससे असंतुलित प्रकृति में संतुलन आएगा और लाभ हमें और हमारी आने वाली पीढ़ियों को ही मिलेगा। कोरोना काल में जितने भी अपने दूर हुए हैं, उनकी यादों को पौधे के रूप में रोपें और उनके प्यार और आशीर्वाद को पौधे से पेड़ बनने के दौरान महसूस करें।

मैं लोगों को योग सिखाती हैं और उन्हें स्वस्थ रहने के लिए कहती हूं। शरीर को फिट रखने के लिए जितना जरूरी योगा है उतना ही जरूरी प्रकृति से लगाव भी है। प्रकृति को अपना अभिभावक समझें। जैसे हमारे माता-पिता हमें बड़ा करने में अपनी पूरी जिंदगी लगा देते हैं, यही काम प्रकृति भी करती है। एक पौधा पेड़ बनकर सालों तक हमें छांव, आक्सीजन, हवा और न जाने क्या क्या देता है। हमारे ग्रुप एब्सोल्यूट योगा ने संकल्प लिया है कि हम सभी अपने घरों, कालोनियों, खाली स्थानों पर दैनिक जागरण के अभियान के तहत पौधे रोपेंगे।

मनहर गार्डन सोसायटी की अंशु खुराना ने कहा कि कोरोना काल में हमने बहुत कुछ सीखा है। इसी कोरोना ने हमें प्रकृति को सहेजना भी सिखाया है। यह हमारी जिम्मेदारी है, जिसे हम भूल गए थे। लोग अपने घरों में अब इंडोर प्लांट लगाने लगे हैं, यह शौकिया है पर फायदेमंद है। हम सभी को संकल्प लेना होगा कि ताजनगरी को हरियाली का ताज पहनाएं। विदेशों से आने वाले पर्यटक भी हमारे शहर की हरियाली को देख उसके कायल हो जाएं। यह बहुत आसान काम है, बस पूरी ईमानदारी से अपने ही लगाए पौधों को सहेजना है। 

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