Crisis of Water: शहर के कई इलाके आज भी तरसे पेयजल को
जलसंस्थान की 750 एमएम मोटी पानी की लाइन की मरम्मत का काम जारी है। दो दिन से चल रहा है कार्य।
आगरा, जागरण संवाददाता। गर्मी के मौसम में पेयजल को लेकर शहर में मारामारी मची हुई है। शहर के पुराने बसे इलाकों में सोमवार सुबह भी लोगों को पानी का इधर-उधर से बंदोबस्त करना पड़ा। जल संस्थान की टीम क्षतिग्रस्त पाइप लाइन की मरम्मत करने में जुटी है। शनिवार से मरम्मत का कार्य आरंभ हुआ था, सोमवार को भी टीम मौके पर काम पर जुटी है।
जल संस्थान की आगरा-कानपुर हाईवे पर लंगड़े की चौकी के पास 750 mm की पानी की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसकी मरम्मत का कार्य सोमवार सुबह से जारी है, लाइन की मरम्मत अभी तक पूरी नहीं हुई है। यह कार्य सोमवार दोपहर दो बजे तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके बाद शाम को पूरे यमुना पार इलाके, विजय नगर, गांधीनगर, गधा पाड़ा, बेलनगंज, सूर्य नगर, काला महल, पीपल मंडी सहित अन्य क्षेत्रों में जलापूर्ति सुचारू हो सकेगी। हालांकि सुबह 10 बजे लगभग यमुना पार इलाके के कुछ क्षेत्रों में वैकल्पिक बंदोबस्त कर पानी की आपूर्ति की गई है।
बीते शनिवार सुबह से जल संस्थान की टीम ने मरम्मत का कार्य शुरू किया था। लंगड़े की चौकी पर क्षतिग्रस्त हुई 750 mm पानी की पाइप लाइन के जरिए जीवनी मंडी वाटर वर्क्स और सिकंदरा के दोनों प्लांट से जलापूर्ति होती है। दशहरा का पर्व है और जून का महीना। कई घरों में टंकियां सूख चुकी हैं। लोग पड़ोसियों के यहां लगे सबमर्सिबल से पानी का इंतजाम कर रहे हैं। दरअसल पुराने जल संस्थान से निकलींं लाइनें जर्जर हालत में पहुंच चुकी हैं, इनमें अक्सर क्षतिग्रस्त होने की शिकायतें आती हैं, साथ ही रोजाना लाखों लीटर पानी की बर्बादी शहर में पाइप लाइनों में लीकेज के चलते हो रही हैं।