मध्य गंगा कैनाल से कभी भी ठप हो सकती है गंगाजल आपूर्ति

गंगाजल में मिट्टी की मात्रा में तेजी से हुई बढ़ोत्तरी पांच नवंबर तक के लिए बंद है अपर गंगा कैनाल हो रही सफाई शुक्रवार सुबह चालू हुए सिकंदरा के दोनों प्लांट 210 एमएलडी पानी की हुई आपूर्ति

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 06:00 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 06:00 AM (IST)
मध्य गंगा कैनाल से कभी भी ठप हो सकती है गंगाजल आपूर्ति
मध्य गंगा कैनाल से कभी भी ठप हो सकती है गंगाजल आपूर्ति

आगरा, जागरण संवाददाता। शहर की जलापूर्ति को किसी भी समय झटका लग सकता है। मध्य गंगा कैनाल से कभी भी जलापूर्ति ठप हो सकती है। शुक्रवार को गंगाजल में मिट्टी की मात्रा में दस गुना बढ़ोत्तरी हो गई। अधिक मिट्टी आने से गंगाजल की आपूर्ति को तेजी से कम किया जा रहा है। अपर गंगा कैनाल 15 अक्टूबर से पांच नवंबर तक बंद है। कैनाल की सफाई हो रही है। इसी के चलते मध्य गंगा कैनाल से शहर को पानी मिल रहा है। उधर, सिकंदरा, बोदला, जयपुर हाउस, लोहामंडी, शाहगंज सहित आधे शहर में दो दिन से चली आ रही पेयजल समस्या से शुक्रवार सुबह राहत मिल गई। 40 घंटे के बाद सिकंदरा स्थित एमबीबीआर और गंगाजल प्लांट को चालू किया गया। दोनों प्लांट से 210 एमएलडी पानी की आपूर्ति हुई।

शहर को हर दिन पालड़ा झाल बुलंदशहर से 350 एमएलडी गंगाजल मिलता है। जीवनी मंडी वाटरव‌र्क्स से 200 और गंगाजल प्लांट सिकंदरा से 150 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति होती है। पालड़ा झाल में अपर गंगाजल कैनाल से पानी पहुंचता है। सिचाई विभाग की टीम कैनाल की सफाई कर रही है। इसके चलते पांच नवंबर तक के लिए कैनाल को बंद कर दिया गया है। शहर को अब मध्य गंगा कैनाल से गंगाजल मिल रहा है। बारिश के चलते कैनाल में मिट्टी की मात्रा तेजी से बढ़ गई है। जल संस्थान के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को 350 के बदले 290 एमएलडी गंगाजल की आपूर्ति हुई। शोधन के बाद भी मटमैले पानी की आपूर्ति शहर के अधिकांश क्षेत्रों में हुई। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उधर, जल निगम, विश्व बैंक इकाई द्वारा ईंट की मंडी तिराहा और बोदला चौराहे के पास 1200 एमएम की पाइप लाइन में इंटर कनेक्शन किया गया है। यह कार्य बुधवार सुबह दस बजे से शुक्रवार रात 12 बजे तक हुआ। जल निगम के परियोजना प्रबंधक महेश कुमार ने बताया कि इंटर कनेक्शन की लाइन को जल्द चालू किया जाएगा। इंटर कनेक्शन के चलते सिकंदरा स्थित दोनों प्लांट को बंद कर दिया गया था। शुक्रवार सुबह पांच बजे प्लांटों का संचालन शुरू हुआ तब जाकर दो लाख घरों को जलापूर्ति हो सकी।

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