आगरा किला की दीवार का होगा संरक्षण, बदले जाएंगे खराब पत्थर
अमर सिंह गेट से बंगाली बुर्ज तक होगा काम। खाई में पाड़ बांधने का काम किया गया शुरू। 70 फुट ऊंची है किले की दीवार। संरक्षण कार्य पर व्यय होंगे 40 लाख रुपये। करीब छह माह तक चलेगा संरक्षण कार्य।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा किला की दीवार का संरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) शुरू करने जा रहा है। दीवार के खराब हुए पत्थरों को बदलने के साथ प्वाइंटिंग का काम किया जाएगा। इसके लिए खाई से ऊपर तक पाड़ बांधने का काम शुरू कर दिया गया है।
आगरा किला की दीवार के कई पत्थर समय की मार और लौनी लगने की वजह से खराब हो चुके हैं। इससे विश्व धरोहर की छवि खराब नजर आती है। एएसआइ ने पूर्व में अमर सिंह गेट से लेकर बंगाली बुर्ज (यमुना किनारा रोड की तरफ स्थित) तक संरक्षण को टेंडर किया था। लाक डाउन की वजह से यह काम पूरा नहीं हो सका था। अब एएसआइ यहां दोबारा काम शुरू करने जा रहा है। किले की दीवार से नीचे से ऊपर तक खराब हुए पत्थरों को बदला जाएगा। कंगूरे आदि सही करने के साथ प्वाइंटिंग का काम होगा। इस पर करीब 40 लाख रुपये का व्यय होगा। खाई से ऊपर तक दीवार करीब 70 फुट ऊंची है।
अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि किले की दीवार ऊंची होने से संरक्षण कार्य में अधिक समय लगता है। दीवार के संरक्षण में करीब छह माह का समय लगेगा।
अमर सिंह गेट के पास पूरा हुआ काम
एएसआइ ने आगरा किला में अमर सिंह गेट के पास भीतर की तरफ संरक्षण कार्य पूरा कर लिया है। गेट के समीप दीवार के खराब हुए चूने के प्लास्टर की जगह नया प्लास्टर किया गया है। यहां चढ़ाई के दोनों तरफ दीवारों से चूने का प्लास्टर हटाकर प्वाइंटिंग (टीप) की गई है।