Vocal For Local: आपदा को बदला अवसर में, हार नहीं मानी, कोरोना में लिखी नई कहानी
Vocal For Local युवा व्यवसायी दिव्यांश मित्तल एवं जिम ट्रेनर गौरव शर्मा ने महामारी के दौर में निकाला नया रास्ता।
आगरा, संदीप शर्मा। ताजनगरी के दो युवा आपदा के समय को अवसर में बदल कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने काे साकार कर रहे हैं। कोरोना काल में जूते का कारोबार ठप हो गया। पूरा परिवार परेशान कि कर्मचारियों का वेतन कैसे निकले। इन हालात में युवा मालिक ने हार नहीं मानी। आपदा को अवसर में बदला। जूता सिलाई मशीन से ट्रेडमार्क और फोटो वाले मास्क तैयार किए। प्रयोग पसंद आया और ऑर्डर मिलने लगे। अब तक करीब पांच हजार से ज्यादा मास्क की डिलीवरी दे चुके हैं।
सिकंदरा कैलाश मंदिर रोड पर नारायण ओवरसीज शू फैक्ट्री है। युवा व्यवसायी 29 वर्षीय दिव्यांशु मित्तल इसके मालिक हैं। कोरोना काल में कारोबार ठप हो गया। फैक्ट्री के 15 कर्मचारियों के वेतन, बिजली बिल सहित घर के खर्चों का बोझ आ पड़ा। इस मुश्किल में उन्होंने कुछ नया करने की ठानी। फैक्ट्री में मौजूद जूते के अपर बनाने वाली क्निटिंग मशीन की डिजाइन में थोड़े बदलाव कर मास्क बनाने की कोशिश थी। एक दो प्रयास के बाद मेहनत रंग लाई। बस, फिर क्या था। कंपनियों और विभिन्न संस्थानों के मार्का वाले मास्क बनाने शुरू कर दिए। मौसेरे भाई सेंट पीटर्स से 12वीं पास अंबुज जैन ने मार्केटग संभाली। ऑनलाइन ही ऑर्डर लेने शुरू किए। अब तक वह 12 हजार से ज्यादा मास्क बेच चुके हैं।
ऑनलाइन से निकाला फिटनेस का रास्ता
कुछ ऐसे ही कहानी बेलनगंज निवासी जिम ट्रेनर गौरव शर्मा की है। इस युवा के हौसले ने भी कोरोना काल में घुटने नहीं टेके। थोड़ा होमवर्क कर ऑनलाइन फिटनेस ट्रेनिंग का मॉड्यूल तैयार किया। आगरा के अलावा मुंबई, पुणे, दिल्ली और पंजाब से उनके पास ऑनलाइन ट्रेनिंग कराने के प्रपोजल आए। विभिन्न शहरों के छह-सात जिम को सहयोग करने के साथ घर बैठे फिटनेस ट्रेनिंग दे रहे हैं। साथ ही अपने स्टूडेंट्स को भी काम दिला रहे हैैं। उनका कहना है कि समय मुश्किल जरुर है, लेकिन थोड़ी सी समझदारी से स्थिति से निकलने का रास्ता निकाला जा सकता है।