Vivah Panchami: आठ दिसंबर को है शादी का बेहद शुभ मुहूर्त लेकिन शादी करना है अशुभ, जानिए क्यों
Vivah Panchami आठ दिसंबर को विवाह पंचमी है। इस दिन शादी करने के लिए अबूझ मुहूर्त रहता है लेकिन फिर भी लोग अपनी बेटी का विवाह इस दिन करने से बचते हैं। विवाह पंचमी के दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था।
आगरा, जागरण संवाददाता। सनातन धर्म के अनुसार शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से किया गया काम अच्छे फल देता है। लेकिन अशुभ मुहूर्त में किए गए अच्छे काम भी बुरे फल देते हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा बताती हैं कि सनातन धर्म में अक्षय तृतीया, देवउठनी एकादशी को अबूझ मुहूर्त माना गया है। यानी कि इन दोनों दिनों में बिना मुहूर्त निकलवाए शादी की जा सकती है। ऐसा ही एक बेहद शुभ मुहूर्त विवाह पंचमी भी होता है लेकिन इस दिन शादी करना बेहद अशुभ माना जाता है। इस वर्ष विवार पंचमी आठ दिसंबर को है।
इस वजह से है ये तिथि अशुभ
मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को विवाह पंचमी कहा जाता है। यह शादी करने के लिए अबूझ मुहूर्त होता है, फिर भी इस दिन शादी करना बहुत अशुभ माना गया है। दरअसल, विवाह पंचमी के दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था। चूंकि माता सीता का वैवाहिक जीवन बहुत मुश्किलों और दुखों से भरा हुआ रहा इसलिए इस दिन लोग अपनी बेटियों को ब्याहने से बचते हैं। इस साल विवाह पंचमी 8 दिसंबर 2021 को है। इस दिन शादियों के मुहूर्त रहेंगे लेकिन उन मुहूर्त में शादी करने से बचना चाहिए।
इन राज्यों में मनाते हैं विवाह पंचमी
भगवान राम और माता सीता के विवाहोत्सव के दिन को भारत के कुछ राज्यों और नेपाल में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इसमें अयोध्या, मिथिलांचल शामिल हैं। वहीं भारत के पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, मिथिलांचल और नेपाल में इस दिन विवाह न करने की भी परंपरा है। बता दें कि श्रीराम के साथ विवाह के बाद माता सीता ने उनके साथ 14 साल का वनवास बिताया और वनवास खत्म होने के बाद उन पर लगे एक आरोप के चलते भगवान श्रीराम ने उनका परित्याग कर दिया था। जिसके कारण गर्भवती सीता को वाल्मिकी ऋषि के आश्रम में अपने पुत्रों लव और कुश को जन्म देना पड़ा था।