आगरा में गोवंश के लिए दो और गो आश्रय स्थल खोलेगा पशुचिकित्सा विभाग, काम शुरू

बेसहारा गोवंश के लिए गोआश्रय स्थल के लिए प्रशासन की ओर से किरावली के गोबरा गांव में 1.152 हेक्टेयर और बाह के कुकथरी में दो हेक्टेयर जमीन उपलब्ध कराई गई थी। दोनों ही जगह पर प्रस्तावित गोआश्रय स्थलों पर 500-500 गोवंश के लिए बनाए जाने हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 03:24 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 03:24 PM (IST)
आगरा में गोवंश के लिए दो और गो आश्रय स्थल खोलेगा पशुचिकित्सा विभाग, काम शुरू
प्रस्तावित गोआश्रय स्थलों पर 500-500 गोवंश के लिए बनाए जाने हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। बेसहारा गोवंश की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। नगर निगम और पशु चिकित्सा विभाग द्वारा संचालित सभी छह गो आश्रय स्थल फुल हो चुके हैं। इनमें निर्धारित संख्या से अधिक गोवंश है। इसको देखते हुए दो और गो आश्रय स्थल खोलने की तैयारी है। इनका काम भी शुरू हो गया है।

बेसहारा गोवंश के लिए ताजनगरी में दो और गो-आश्रय स्थल बनने जा रहे हैं। इनका निर्माण कार्य शुरू हो गया है। जल्द ही ये बनकर तैयार होंगे। दोनों गो-आश्रय 500-500 गोवंश के लिए बनाए जा रहे हैं। निर्माण कार्य के लिए पहली किस्त के रूप में दोनों गो-आश्रय स्थल के लिए सात-सात लाख रुपये भी मिल चुके हैं। जिले में पशु चिकित्सा विभाग द्वारा वर्तमान में पांच गोआश्रय स्थल संचालित किए जा रहे हैं।

बेसहारा गोवंश के लिए गोआश्रय स्थल के लिए प्रशासन की ओर से किरावली के गोबरा गांव में 1.152 हेक्टेयर और बाह के कुकथरी में दो हेक्टेयर जमीन उपलब्ध कराई गई थी। दोनों ही जगह पर प्रस्तावित गोआश्रय स्थलों पर 500-500 गोवंश के लिए बनाए जाने हैं। हालांकि बाद में इनकी क्षमता और बढ़ाई जा सकती है। अब बाह और किरावली क्षेत्र में सरकारी गोआश्रय स्थल नहीं हैं। क्षेत्र में तमाम बेसहारा पशु घूमते रहते हैं। जोकि न सिर्फ फसलों को खराब करते हैं बल्कि मार्गों पर आवागमन में भी अड़चन बनते हैं। इनकी वजह से आए दिन हादसे भी होते रहते हैं। इन बेसहारा गोवंश को बाह क्षेत्र से पकड़कर शहर में बने गोआश्रय स्थल तक लाना मुश्किल होता है। ऐसे में निर्णय लिया गया है कि किरावली क्षेत्र में भी गोआश्रय स्थल विकसित किया जाएगा। वर्तमान में पशु चिकित्सा विभाग के पांच गोआश्रय स्थल हैं। हालांकि नगर निगम तथा सामाजिक संगठनों द्वारा संचालित अन्य गोआश्रय स्थलों पर भी बेसहारा गोवंश को रखा जा रहा है। सभी गोआश्रय स्थलों में दस हजार से अधिक बेसहारा गोवंश को रखा गया है। बाह और किरावली में गोआश्रय स्थल बनने के बाद इन क्षेत्रों में इधर-उधर भटकते गोवंश को भी सहारा मिलेगा। अन्य क्षेत्रों में भी गोआश्रय स्थल बनाने की योजना है। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी वीएस तोमर के अनुसार, दोनों गोआश्रय स्थल 1.20-1.20 करोड़ रुपये की लागत से बनेंगे।

एक नजर

- 30 रुपये प्रति गोवंश प्रतिदिन के हिसाब से मिलता है बजट

- जिले में लगभग 13500 हजार गोवंश है विभिन्न आश्रय स्थलों पर

- सरकारी छह गोशालाओं में 6000 गोवंश है

- पशु चिकित्साधिकारी के अनुसार, जिले लगभग 16916 बेसहारा गो वंश है

- सबसे अधिक छुट्टा पशु फतेहाबाद रोड, शमसाबाद रोड, बाह, सैंया, पिनाहट क्षेत्र में घूमते हैं। 

chat bot
आपका साथी