योजना हो रही फ्लॉप, दो महीने में सिर्फ चार कुपोषित परिवारों को दे पाए निराश्रित गाय
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने पशुचिकित्सा विभाग को दी 100 कुपोषित परिवारों की सूची इनका कराया जा रहा सत्यापन। मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना का पूरी तरह जरूरतमंदों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। आमतौर एक गाय एक टाइम पर 8 से 10 लीटर दूध रोज देती है।
आगरा, जागरण संवाददाता। कुपोषित परिवारों को पुष्टाहार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना का जरूरतमंदों को लाभ नहीं मिल पा रहा। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दो महीने में सिर्फ चार लाभार्थी कुपोषित परिवारों को ही चार गाय दी गई हैं। हालांकि अभी 100 और कुपोषित परिवारों को गाय देने की प्रक्रिया चल रही है। जिला कार्यक्रम अधिकारी के यहां से मिली कुपोषित परिवारों की इस सूची का सत्यापन कराया जा रहा है।
पूर्व से संचालित मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत कोई भी व्यक्ति निराश्रित गाय ले सकता है। इसके तहत जिले में 198 लोगों को 633 गाय दी गई थीं। मगर, इसी साल सितंबर की शुरुआत में इस योजना का लाभ कुपोषित परिवारों को वरियता पर देने का निर्णय लिया गया। इसकी शुरुआत तो जोरशोर से की गई लेकिन उद्देश्य पर खरी नहीं उतर पाई। सरकार ने अब यह गाय कुपोषित बच्चों के परिवारों को भी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है, जिससे कि उनका खान-पान सुधारकर उनको कुपोषण से मुक्त कराया जा सके। इसके तहत अब तक सिर्फ चार पत्र परिवारों को ही गाय दी गई है। उन्हें यह गाय सरकारी गोशालाओं के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। इसके माध्यम से वह रोजगार का अवसर भी सृजित कर सकते हैं।
कोरोना काल में तमाम लोगों के रोजगार छिन गए हैं। उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। गरीबों के यहां खाने तक के लाले पड़ गए हैं। ऐसे में गाय उनका सहारा बन सकती है। ऐसे लोग आवेदन कर सरकारी गोशाला से गाय ले सकते हैं। इसके जरिये वह न सिर्फ अपने बच्चों को दूध उपलब्ध करा सकते हैं बल्कि अतिरिक्त दूध बेचकर कुछ आमदनी भी कर सकते हैं। आमतौर एक गाय एक टाइम पर 8 से 10 लीटर दूध रोज देती है।
900 रुपये महीना देगी सरकार
एक पशुपालक को चार बेसहारा गोवंश सुपुर्द किए जा सकते हैं। इसकी संस्तुति संबंधित पशुचिकित्साधिकारी एवं ग्राम प्रधान द्वारा की जाती है। वर्तमान में गोवंश के भरन-पोषण के लिए पशुपालन को 30 रुपये प्रतिदिन प्रति पशु देने की व्यवस्था है। यानी एक गाय के भरन-पोषण के लिए महीने में 900 रुपये मिलेंगे।
कराया जा रहा सर्वे
जिला कार्यक्रम अधिकारी के यहां से मिली 100 कुपोषित परिवारों का ब्लाक स्तर पर परीक्षण कराया जा रहा है। वहां से संस्तुति के आधार पर ही जिला स्तरीय अधिकारी गाय देने की प्रक्रिया पर मोहर लगाएंगे।
फैक्ट फाइल
18 गोवंश संरक्षण केंद्र हैं जिले में
5300 गोवंश हैं सभी केंद्रों पर
1200 नंदी हैं नंदीशालाओं में
633 गाय की जा चुकी हैं सुपुर्द
198 लोगों को सुपुर्द की गई हैं गाय
900 रुपये प्रतिमाह भरन-पोषण के लिए दिया जाता है