कुलपति पर कोविड-19 प्रोटोकाल उल्लंघन का आरोप

अधिवक्ता ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री पोर्टल पर आनलाइन की शिकायत कुलपति ने किया आरोपों का खंडन कहा पिछले दिनों विश्वविद्यालय पैनल से हटाए गए हैं अरुण दीक्षित

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 01:13 AM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 01:13 AM (IST)
कुलपति पर कोविड-19 प्रोटोकाल उल्लंघन का आरोप
कुलपति पर कोविड-19 प्रोटोकाल उल्लंघन का आरोप

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल पर सरकार द्वारा जारी कोविड-19 के प्रोटोकाल उल्लंघन का आरोप लगा है। अधिवक्ता ने इसकी शिकायत राज्यपाल के साथ आनलाइन पोर्टल पर मुख्यमंत्री से की है। जांच के बाद पुलिस ने कुलपति का चालान करने की रिपोर्ट आइजीआरएस पर प्रेषित की है।

दयालबाग निवासी अधिवक्ता डा. अरुण कुमार दीक्षित ने राज्यपाल से शिकायत की है कि कुलपति डा. अशोक मित्तल और उनके पुत्र 28 मार्च 2021 को कोरोना पाजिटिव हुए थे। इसके लक्षण कुलपति में दो दिन पहले से दिख रहे थे लेकिन उन्होंने कोई सावधानी नहीं बरती। 27 मार्च तक उन्होंने कार्यालय में काम किया। कोरोना जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद उन्हें क्वारंटीन होना चाहिए था। डा. दीक्षित के अनुसार कुलपति लगातार विश्वविद्यालय का कार्य करते रहे। कर्मचारियों को घर पर बुलाकर फाइलों पर हस्ताक्षर करते रहे। उन्होंने अपना चार्ज किसी को नहीं दिया। वह विवि परिसर या सार्वजनिक स्थान पर भी कभी मास्क नहीं लगाते। जिस कारण कुलपति कार्यालय में कई लोग संक्रमित हो गए। विश्वविद्यालय के किसी भी संस्थान में सैनिटाइजेशन तक नहीं कराया। मांग है कि कुलपति के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए। यह शिकायत उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी आनलाइन दर्ज कराई।

मामले की जांच थाना हरीपर्वत के उप निरीक्षक डेजी पवार ने की। उन्होंने कुलपति के खिलाफ कोविड-19 के तहत चालान की प्रक्रिया अमल लाने की रिपोर्ट भेजी है।

कुलपति प्रो. अशोक मित्तल का कहना है कि मैं सार्वजनिक स्थानों पर कोविड-19 प्रोटोकाल का सदैव पालन करता हूं। विश्वविद्यालय स्थित मंदिर पर पूजा के दौरान पानी पीते समय मास्क हटाया था, जिसकी फोटो ली गई, यह ठीक नहीं। एड. अरुण दीक्षित को पिछले दिनों विश्वविद्यालय के स्थानीय अधिवक्ता पैनल से हटा दिया गया है।

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अभी यह देखा जा रहा है कि यह किस कार्यालय और स्थान का फोटो है। किसी सावर्जनिक स्थान का है या फिर किसी कार्यालय का। फोटो के संबंध में कुलपति से बातचीत कर उनका पक्ष भी लिया जाएगा। यदि कोविड-19 गाइड लाइन का उल्लंघन पाया जाता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

अरविद कुमार, इंस्पेक्टर हरीपर्वत

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