Oxygen Shortage: यूपी की आक्सीजन बचा रही दिल्लीवालों की जान, बिगड़ने लगे हालात

Oxygen Shortage यूपी से हर रोज 60 टन लिक्विड आक्सीजन की दिल्ली को सप्लाई। आगरा सहित अन्य शहरों में आक्सीजन की मांग बढी उत्तराखंड बोकारो पानीपत से मंगाई जा रही आक्सीजन। लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 03:53 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 03:53 PM (IST)
Oxygen Shortage: यूपी की आक्सीजन बचा रही दिल्लीवालों की जान, बिगड़ने लगे हालात
लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है।

आगरा, जागरण संवाददाता। दिल्ली में कोरोना बेकाबू है, अस्पतालों के सघन चिकित्सा कक्ष आइसीयू फुल हैं। मरीजों की जान बचाने के लिए ​आक्सीजन की कमी होने लगी है, ऐसे में कोरोना संक्रमित दिल्ली वालों की जान बचाने के लिए उत्तर प्रदेश से हर रोज 60 टन लिक्विड आक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। मगर, अब आगरा, लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इससे हालात बिगड़ने लगे हैं।

कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ने से सितंबर की तरह से दोबारा आक्सीजन की मांग बढ़ने लगी है। दिल्ली के अस्पतालों के आइसीयू फुल हो गए हैं। वहां आक्सीजन की मांग बढ़ रही है। मगर, दिल्ली में आक्सीजन का उत्पादन नहीं होता है। यूपी में नोएडा, गाजियाबाद और मोदी नगर में लिक्विड आक्सीजन के प्लांट हैं। इन प्लांटों से हर रोज 250 लिक्विड टन आक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। इसमें से दिल्ली में अब हर रोज 60 टन लिक्विड आक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। वहीं, आगरा, लखनऊ, कानपुर, मेरठ में केस बढ़ने के बाद यूपी में लिक्विड आक्सीजन की मांग हर रोज 350 टन तक पहुंच गई है। इसके लिए रुडकी, उत्तराखंड, पानीपत, बोकारो से यूपी में लिक्विड आक्सीजन सप्लाई की जा रही है। जिस तरह से कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में दिसंबर में आक्सीजन का संकट मंडरा सकता है। कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए आक्सीजन नहीं मिल सकेगी।

कामर्शियल आक्सीजन का किया जाएगा इस्तेमाल

आक्सीजन की मांग बढने पर आपूर्ति बढाने की कवायद भी शुरू हो गई है। आक्सीजन की मांग 450 लिक्विड टन से अधिक पहुंचती है तो कार्मिशयल आक्सीजन का इस्तेमाल किया जाएगा, फैक्ट्री के लिए कार्मिशयल आक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी जाएगी।

मांग बढ़ने पर बढ़ रहे रेट

लिक्विड आक्सीजन की दर 25 रुपये क्यूबिक मीटर है, इसमें ट्रांसपोटेशन का खर्चा शामिल नहीं है। आक्सीजन प्लांट से जितनी दूर सप्लाई की जाती है, खर्चा बढ़ता जाता है, आक्सीजन की मांग बढ़ने पर 40 से 45 रुपये क्यूबिक मीटर तक रेट पहुंच सकता है।

ये है हाल

यूपी के तीन प्लांटों में लिक्विड आक्सीजन का उत्पादन 270 टन हर रोज

60 टन नोएडा, 60 टन गाजियाबाद, 150 टन मोदी नगर

यूपी में लिक्विड आक्सीजन की वर्तमान में मांग 350 टन

सितंबर में यूपी में लिक्विड आक्सीजन की अधिकतम मांग 480 टन

यूपी के तीन प्लांट से 250 टन लिक्विड आक्सीजन का उत्पादन हो रहा है, इसमें से 60 टन आक्सीजन दिल्ली में सप्लाई की जा रही है। यूपी में 350 टन आक्सीजन की मांग है, इसके लिए उत्तराखंड, पानीपत और बोकारो से आक्सीजन मंगाई जा रही है। मांग बढने पर कार्मिशयल आक्सीजन का इस्तेमाल किया जाएगा। मगर, आक्सीजन की कमी नहीं होने दी जाएगी।

नरेश मोहन दीपक, प्रभारी आक्सीजन सप्लाई, यूपी 

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