Chhatrapati Shivaji Museum: म्यूजियम का नाम ही बदला, 21 माह से बंद पड़ा है काम

प्रोजेक्ट की लागत बढ़ चुकी है शासन स्तर से मिलनी है स्वीकृति। 141.89 करोड़ रुपये थी प्रारंभिक लागत जीएसटी लागू होने व कुछ नए काम जुड़ने से प्रोजेक्ट की लागत बढ़कर 172 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। शासन को देनी है प्रोजेक्ट को वित्तीय स्वीकृति।

By Nirlosh KumarEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 03:22 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 03:22 PM (IST)
Chhatrapati Shivaji Museum: म्यूजियम का नाम ही बदला, 21 माह से बंद पड़ा है काम
शिल्पग्राम के नजदीक निर्माणाधीन है छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम।

आगरा, जागरण संवाददाता।  ताजनगरी में निर्माणाधीन म्यूजियम का नाम तो बदल गया, लेकिन 21 महीने से काम ठप है। प्रोजेक्ट में नए काम जुड़ने, निर्माण सामग्री का मूल्य बढ़ने और जीएसटी के चलते प्रोजेक्ट की लागत 141.89 करोड़ से बढ़कर 172 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। शासन स्तर से इसकी स्वीकृति नहीं मिलने से काम रुका हुआ है। दरअसल, जिस समय प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ था, तब जीएसटी लागू नहीं था।

शिल्पग्राम के नजदीक म्यूजियम का शिलान्यास जनवरी, 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। तब इसका नाम मुगल म्यूजियम था। यह उप्र का पहला सरकारी भवन है, जिसे प्री-कास्ट टेक्नीक से बनाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2017 में पूरा होना था, लेकिन प्री-कास्ट टेक्नीक की वजह से इसमें विलंब हुआ। यहां जनवरी, 2020 से काम ठप है। सितंबर, 2020 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा मंडल की समीक्षा बैठक में म्यूजियम का नामकरण छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद पर्यटन विभाग ने इसका शासनादेश जारी किया था। मार्च, 2021 में पांच करोड़ रुपये म्यूजियम के लिए जारी किए गए थे, लेकिन यहां काम की शुरुआत नहीं हो सकी। म्यूजियम का निर्माण कर रही कंपनी की पांच करोड़ रुपये से अधिक की लेनदारी थी।

राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर दिलीप सिंह ने बताया कि मुगल म्यूजियम की निर्माण लागत बढ़ने से उसका बजट पुनरीक्षित किया जाना है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

अभी होने हैं यह काम

मार्बल फ्लोरिंग, वाल क्लेडिंग, विद्युतीकरण, साइट डवलपमेंट, फायर फाइटिंग सिस्टम व लिफ्ट के काम म्यूजियम में अधूरे हैं। बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर व फर्स्ट फ्लोर बनकर तैयार हो चुके हैं।

म्यूजियम में क्या करेंगे

म्यूजियम के निर्माण पर उप्र के पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने आपत्ति जताई थी। वर्ष 2019 में आगरा दौरे पर आए मंत्री ने निरीक्षण करते हुए म्यूजियम के भवन के औचित्य पर सवाल उठाए थे। सरकार अब तक यह तय नहीं करा सकी है कि म्यूजियम में पर्यटकों के लिए क्या आकर्षण रखा जाएगा।

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