UP Board Result 2021: यूपी बोर्ड मार सकता है बाजी, आ सकता है सबसे पहले रिजल्ट
UP Board Result 2021 सीबीएसई और सीआइएससीई से तेज चल रही है फार्मूले पर तैयारी। पिछले अंक जुटाकर व नामों आदि में संशोधन करा आधा से ज्यादा काम हो चुका है पूरा। छात्रो की जानकारी लेने की प्रक्रिया भी जारी है जो 17 जून तक पूरी हो जाएगी।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के कारण 10वीं और 12वीं की परीक्षा सबसे पहले भले ही केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और काउंसिल आफ इंडियन स्कूल्स सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (सीआइएससीई) ने रद की हों। लेकिन परीक्षा परिणाम के मामले में इस बार भी उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद दोनों बोर्ड से बाजी मार सकता है। प्रदेशभर के शिक्षाधिकारियों, प्रधानाचार्यों, शिक्षकों व अभिभावक संघों से मिले सुझावों को जुटाने के बाद प्रबल संभावना है कि बोर्ड इंटरमीडिएट व हाईस्कूल परीक्षा परिणाम का फार्मूला आगामी चार-पांच दिन में तय कर लेगा।
विभागीय अधिकारियों की माने, तो जिला स्तर से मंडल और मंडल से प्रदेश स्तर तक से सुझाव लेने के बाद उन्हें बोर्ड को पहले ही भेज दिया गया था। बोर्ड ने अपनी आपत्तियों के निस्तारण के बाद शेष सुझावों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास उन्हें भेज दिया है। जल्द ही मुख्यमंत्री मामले में बैठक कर परीक्षा परिणाम फार्मूला जारी कर देंगे। यदि ऐसा हुआ और हफ्ते भर में ही यह फार्मूला तैयार हो गया, तो यूपी बोर्ड परीक्षा परिणाम जारी करने में सीबीएसई और सीआइएससीई को भी पीछे छोड़ देगा क्योंकि सीबीएसई ने आंतरिक मूल्यांकन के अंक भेजने की अंतिम तिथि ही 30 जून तय की है, जिससे परिणाम तैयार होते-होते कम से कम जुलाई में भी 15 दिन लग सकते हैं।
बाकी तैयारियां पूरी
आरबीएस इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डा. यतेंद्र पाल सिंह का कहना है कि बोर्ड ने परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिए प्रक्रिया काफी तेजी से पूरी की। विद्यालयों को आदेश जारी कर कक्षा नौंवी से इंटर प्री-बोर्ड तक के सभी पंजीकृत विद्यार्थियों के अंक अपलोड करा लिए गए हैं। विद्यार्थियों के नाम और इंटर के विद्यार्थियों के हाईस्कूल के अंक पत्र और रोल नंबर आदि लेने की प्रक्रिया भी जारी है, जो 17 जून तक पूरी हो जाएगी। ऐसे में बोर्ड को परीक्षा परिणाम जारी करने में जून का महीना भी लगता नहीं दिख रहा।
इस फार्मूले के लागू होने की संभावना
हालांकि बोर्ड ने प्रदेशभर के शिक्षाधिकारियों, प्रधानाचार्यों, शिक्षकों व अभिभावक संगठनों से सुझाव लिए। जिले से लेकर मंडल और फिर बोर्ड स्तर पर उनका आंकलन किया गया। इस पूरी प्रक्रिया में जो फार्मूला सेट होता दिख रहा है, वह यह हो सकता है कि हाईस्कूल में नौवीं कक्षा का वार्षिक या अर्धवार्षिक रिजल्ट व आंतरिक परीक्षा के अंक जोड़कर औसत से परिणाम तैयार किया जा सकता है। वहीं इंटरमीडिएट में 11वीं के वार्षिक या अर्धवार्षिक, 12वीं के प्री-बोर्ड और हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा के अंकों के औसत से व्यक्तिगत विद्यार्थियों को नंबर दिए जा सकते हैं या फिर उन्हें सिर्फ पास किया जा सकता है।