UP Board Exam 2021: बोर्ड परीक्षा की त्रिस्तरीय होगी निगरानी, ये है नकल रोकने की फुलप्रूफ तैयारी

UP Board Exam 2021 जिले और प्रदेश स्तर के साथ मंडल स्तर पर भी बनेगा कंट्रोल रूम। शिफ्टवार ड्यूटी लगाकर कसी जाएगी नकल कराने वालों पर नकेल। नकल रोकने के लिए हर केंद्र में सीसीटीवी कैमरा और वायस रिकार्डर के साथ राउटर और इंटरनेट कनेक्शन अनिवार्य किया गया है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 09:37 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 09:37 AM (IST)
UP Board Exam 2021: बोर्ड परीक्षा की त्रिस्तरीय होगी निगरानी, ये है नकल रोकने की फुलप्रूफ तैयारी
शिफ्टवार ड्यूटी लगाकर कसी जाएगी नकल कराने वालों पर नकेल।

आगरा, जागरण संवाददाता। शासन की मंशा है कि उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल-इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा नकल विहीन कराई जाए। इसके लिए शुरूआत से ही फुलप्रूफ तैयारी की जा रही है। परीक्षा के दौरान भी नकल न हो, इसकी सतत निगरानी के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा चक्र तैयार किया जाएगा, ताकि कोई भी इसमें सेंधमारी न कर सके।

नकल रोकने के लिए हर केंद्र में सीसीटीवी कैमरा और वायस रिकार्डर के साथ राउटर और इंटरनेट कनेक्शन अनिवार्य किया गया है। सभी केंद्रों को वेबकास्टिंग के जरिए जिला और प्रदेश स्तरीय कंट्रोल रूप से जोडा़ जाएगा, जिसकी निगरानी शिक्षा और प्रशासनिक अधिकारी करेंगे। इस निगरानी तंत्र को और मजबूती देने के लिए मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक मंडल स्तर पर एक और कंट्रोल रूप तैयार कराएंगे, ताकि मंडल के सभी केंद्रों पर एक चक्रीय सुरक्षा घेरा और कसा जाए और वह नकल की किसी भी संभावना को न तलाशें।

लगातार सक्रिय रहेगा कंट्रोल रूम

मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक डा. मुकेश अग्रवाल ने बताया कि मंडलीय कंट्रोल रूप तैयार करने के लिए सभी जिलों को निर्देश दे दिए गए हैं। केंद्र निर्धारण होने के बाद उनके आइडी और पासवर्ड जिले और प्रदेश स्तरीय कंट्रोल रूप के साथ मंडल स्तर पर भी उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि नकल करने वालों पर सख्ती कर टैक्स वसूली हो सके। जिला और प्रदेश स्तर पर सभी केंद्रों की मानिटरिंग होगी ही। मंडल स्तर पर भी सतत निगरानी के लिए व्यवस्था की जा रही है।

खुद को भी साबित करने की चुनौती

बता दें कि अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने पिछले दिनों हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि यूपी बोर्ड परीक्षा हर हाल में नकल विहीन कराई जाए। परीक्षा शांतिपूर्ण ढ़ंग से संपन्न कराने के साथ रिजल्ट भी बेहतर और पारदर्शी रूप से घोषित किया जाए। इसके आधार पर ही जिले और मंडल के शिक्षाधिकारियों मेरिट तैयार कर उनकी पीठ थपथपाई जाएगी। 

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