नई शिक्षा नीति से अभूतपूर्व परिवर्तन संभव

कमला नगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में हुई सेमिनार राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता प्रधानाचार्य ने किया जागरूक

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 09:04 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 09:04 PM (IST)
नई शिक्षा नीति से अभूतपूर्व परिवर्तन संभव
नई शिक्षा नीति से अभूतपूर्व परिवर्तन संभव

आगरा, जागरण संवाददाता । आजादी के बाद से शिक्षा उपेक्षा की शिकार रही। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य मानवीय संवेदना का विकास, गुणवत्तायुक्त शिक्षा, सामाजिक आय, राष्ट्रीय समीकरण और प्रगति के संसाधनों का विकास करना है। यह बातें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित श्रीजी बाबा सरस्वती विद्या मंदिर के पूर्व प्रधानाचार्य अजय शर्मा ने गुरुवार को कमला नगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषय पर हुई सेमिनार में कही।

उन्होंने विद्या भारती आगरा संकुल के शिक्षकों को समझाया कि संपूर्ण शिक्षा पद्धति 2030 तक लागू होगी, इसका सांस्कृतिक संरक्षण जरूरी है। यह प्रत्येक व्यक्ति में निहित रचनात्मक क्षमता के विकास, पूर्ण आत्मज्ञान और मुक्ति पर जोर देती है। ऐसी शिक्षा पद्धति से ही चरक, सुश्रुत, आर्यभट्ट आदि विद्वानों का निर्माण हुआ। विद्यालयों में ढांचागत परिवर्तन करने होंगे, जहां विषय-वर्ग का बंधन न हो और विद्यार्थी कोई भी विषय पढ़ सके। प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षण व आधारभूत विषयों जैसे योग, शारीरिक शिक्षा, संस्कृत, नैतिक शिक्षा व संगीत आदि का ज्ञान मिलेगा। कक्षा छह से कंप्यूटर, व्यवसाय, कौशल विज्ञान आधारित शिक्षा होगी। विद्यालय प्रधानाचार्य कृष्णकांत द्विवेदी का कहना था कि इसमें विद्यार्थी विषय को रटेंगे नहीं, उसका व्यवसायिक ज्ञान प्राप्त करेंगे। कम अंक आने पर भी एप्टीट्यूड टेस्ट द्वारा पास हो सकेंगे। स्कूलों की मनमानी खत्म होगी। विद्यालय प्रबंधक विजय गोयल ने बताया कि इसका क्रियान्वयन शिक्षकों के द्वारा होगा, इसलिए उनका प्रशिक्षण, सशक्तिकरण, गुणवत्ता, कौशल व संसाधनात्मक विकास जरूरी है। इस दौरान विद्यालय अध्यक्ष महेंद्र गर्ग, उपाध्यक्ष विश्वेंद्र सिंह, चारु पटेल आदि मौजूद रहे। सरला भारद्वाज व प्रवीण शर्मा ने प्रस्तुति दी व संचालन रजनी गुप्ता ने किया।

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