परिणाम, नीति और भर्ती में विश्वविद्यालय करा रहा इंतजार

बीए द्वितीय वर्ष का नहीं जारी हुआ परिणाम नई शिक्षा नीति को लेकर भी स्थिति साफ नहीं अतिथि प्रवक्ताओं की भर्ती इस साल भी संशय में

By JagranEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 08:05 PM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 08:05 PM (IST)
परिणाम, नीति और भर्ती में विश्वविद्यालय करा रहा इंतजार
परिणाम, नीति और भर्ती में विश्वविद्यालय करा रहा इंतजार

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में फैली अव्यवस्थाओं में फंसे छात्र, कालेज और अतिथि प्रवक्ता सिर्फ इंतजार कर रहे हैं, बीए द्वितीय वर्ष के परिणाम का, नई शिक्षा नीति के लागू होने का और अतिथि प्रवक्ताओं की भर्ती का। विश्वविद्यालय से हर रोज सिर्फ आश्वासन मिल रहे हैं, जो उनके किसी काम नहीं आ रहे हैं। शायद जारी हो विज्ञापन

विश्वविद्यालय में पिछले साल 102 अतिथि प्रवक्ताओं की भर्ती काफी चर्चा में रही थी। पिछले साल भी अक्टूबर में शुरू हुई प्रक्रिया इस साल फरवरी में अंतिम चरण में पहुंची थी। इस साल फरवरी में अतिथि प्रवक्ताओं ने विभागों में जाना शुरू किया था। इस साल भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही बन रही है। विभागाध्यक्षों से अब सूची मांगी गई है, जो गुरुवार तक पूरी होगी। कार्यकारी कुलपति प्रो. आलोक राय का कहना है कि गुरुवार को ही विज्ञापन जारी करने की संभावना है। कब जारी होगा परिणाम

शासनादेश के निर्देशों की अवहेलना विश्वविद्यालय पहले ही कर चुका है, जब 31 अगस्त तक परिणाम जारी करने थे और विश्वविद्यालय ने 31 अगस्त से ही परिणाम जारी करने शुरू किए। सभी पाठ्यक्रमों के परिणाम जारी करने के बाद केवल बीए द्वितीय वर्ष के छात्रों का परिणाम अटका हुआ है। परिणाम के इंतजार में हजारों छात्र हर रोज विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर परिणाम ढूंढते हैं। कई अधिकारियों से भी जानकारी प्राप्त करते हैं पर सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिलता। परिणाम के इंतजार में छात्र तीसरे वर्ष में प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं। नई शिक्षा नीति को लेकर तैयार नहीं कालेज

विश्वविद्यालय में नए सत्र से त्रिवर्षीय स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में नई शिक्षा नीति लागू करने की घोषणा हुई थी। अन्य बदलाव 2022-23 में होंगे। इसके लिए कालेजों को निर्देशित कर दिया गया था। कालेज प्रशासन उसी के अनुरूप प्रवेश लेने की तैयारी भी कर रहे हैं। जबकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने और उसके अनुरूप पढ़ाई कराए जाने के संबंध में अभी तक अध्यादेश नहीं बना है। मेजर और माइनर में छात्र किन विषयों का चुनाव करेंगे, यह भी तय नहीं हुआ है। कौशल विकास पाठ्यक्रमों के बारे में भी जानकारी नहीं है। इधर, कालेजों में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में जब विषय ही तय नहीं होंगे तो छात्र विषयों का चुनाव कैसे करेंगे?

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