Style of Theft: दिन में रेकी कर देखते सूखी नाली और दरवाजों पर जमी धूल, रात में करते थे चोरी

दयालबाग के स्वामी बाग में दो दिन पहले की थी चोरी। न्यू आगरा पुलिस ने दो चोरों काे दबोचा माल बरामद।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 09:45 AM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 09:45 AM (IST)
Style of Theft: दिन में रेकी कर देखते सूखी नाली और दरवाजों पर जमी धूल, रात में करते थे चोरी
Style of Theft: दिन में रेकी कर देखते सूखी नाली और दरवाजों पर जमी धूल, रात में करते थे चोरी

अागरा, जासं। दिन में रेकी करके शातिर घरों की सूखी नाली और दरवाजे पर जमी धूल देखते थे। इसके बाद बाद रात में इन घरों पर धावा बोलकर चोरी करते थे।न्यू आगरा पुलिस ने सोमवार की रात दो शातिर चोराें को गिरफ्तार कर लिया। उनसे दयालबाग स्थित स्वामी बाग में दो दिन पहले हुई चोरी का माल बरामद किया है।

स्वामी बाग निवासी राजीव कुमार सत्संगी के बंद घर का चोरों ने चार जुलाई की रात को ताला तोड़ दिया था। वहां से नकदी-जेवरात लेकर भाग गए थे। पुलिस चोरों का सुराग लगाने में जुटी थी। सोमवार की रात गश्त के दौरान एसआइ अनुज फोगाट ने दो संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। दोनों ने स्वामी बाग में चोरी करने की घटना कबूल की। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने चोरी का माल बरामद किया।

इंस्पेक्टर न्यू आगरा उमेशचंद त्रिपाठी ने बताया कि आरोपितों के नाम फहीम और बदरू निवासी तेलीपाड़ा लोहामंडी हैं। आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि वह दिन में कॉलोनियों में घूमकर रेकी करते थे। इस दौरान जिन घरों में ताला लगा होता उन्हें चिन्हित कर लेते। रात में इन घराें पर दोबारा जाते थे। यदि रात में भी ताला लगा मिलता तो समझ जाते कि मकान मालिक बाहर गया हुआ है। इसके बाद उक्त घर के ताले तोड़ते थे।पुलिस के अनुसार फहीम पेशेवर चोर है। उसके खिलाफ नौ मुकदमे दर्ज हैं। जबकि बदरू के खिलाफ दो मुकदमे हैं। उनका साथी हीरो उर्फ जाकिर निवासी थाना जगदीशपुरा फरार है। वह दोनों से चोरी का माल खरीदता था। इंस्पेक्टर उमेशचंद त्रिपाठी ने बताया कि दोनों चोराें को जेल भेजा गया है।

चोरी के लिए घरों को ऐसे करते थे पहचान

-दिन में घूमकर देख लेते कि किन-किन घरों मे ताले लगे हैं।

-जिन घरों में ताले लगे होते,वहां गेट पर कितनी धूल जमी है।

-धूल ज्यादा जमी होने पर मकान में किसी के लंबे समय से नही होने का अनुमान हो जाता।

-घर से निकलने वाली नाली में पानी है या वह सूखी हुई है, नाली सूखी होने पर यह अनुमान हो जाता था कि परिवार के लोग नहीं रह रहे हैं।

-नाली में पानी होने पर यह अनुमान लगा लेते थे कि घर में कोई रह रहा है,वह दोपहर में किसी काम से ताला लगा गया होगा।

-इसके अलावा दरवाजे पर पड़े कई दिन के अखबार देखकर मकान में किसी के नहीं होने का अनुमान लगाते थे। 

chat bot
आपका साथी