Poetry Collection: आगरा में दो काव्य संग्रहों का लोकार्पण, प्रकृति से जुड़ी रचनाएं दिल को देंगी सुकून
राजकुमारी चौहान के दो काव्य संग्रहों का हुआ लोकापर्ण। साहित्य साधिका समिति संस्थान संगम मासिक पत्रिका स्वरांजलि आगरा राइटर्स एसोसिएशन एवं नेशनल राइटर्स एंड कल्चरल फोरम के संयुक्त तत्वावधान में हुआ समारोह। रचनाओं में छायावाद और मानवीकरण के दर्शन मिलते हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। साहित्य साधिका समिति, संस्थान संगम मासिक पत्रिका, स्वरांजलि, आगरा राइटर्स एसोसिएशन एवं नेशनल राइटर्स एंड कल्चरल फोरम के संयुक्त तत्वावधान में साहित्यकार राजकुमारी चौहान के दो काव्य संग्रहों का लोकार्पण संजय प्लेस स्थित एक होटल में हुआ।
राजकुमारी चौहान के काव्य संग्रहों ज्योतिर्गमय व मैं प्रकृति हूं के लोकार्पण पर आरबीएस कालेज की पूर्व प्राचार्य डा. सुषमा सिंह ने लोकार्पित कृतियों की समीक्षा करते हुए कहा कि राजकुमारी चौहान भाव पक्ष,कला पक्ष व भाव पक्ष की धनी हैं। केंद्रीय हिंदी संस्थान की पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर डा. पुनीता पचौरी ने कहा कि कविताओं में पारिवारिक, सामाजिक, राजनीतिक और प्राकृतिक विषयगत विविधताओं का पर्याय है। संस्थान संगम मासिक पत्रिका के संपादक डा. अशोक अश्रु ने कहा कि रचनाओं में छायावाद और मानवीकरण के दर्शन मिलते हैं। राजकुमारी चौहान ने कहा कि इन रचनाओं में मेरी आत्मा, मेरी भावनाएं, मेरी अनकही व्यथा, मेरे आंसू और सामाजिक विसंगतियों को अवरुद्ध न कर पाने की छटपटाहट के साथ आज की परिस्थितियों का समावेश है।
नागरी प्रचारिणी सभा की सभापति और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रानी सरोज गौरिहार ने समारोह की अध्यक्षता की। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के पूर्व कार्यकारी उपाध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि प्रो. सोम ठाकुर मुख्य अतिथि रहे। डा. त्रिमोहन तरल, निहाल चंद शिवहरे और डा. अशोक विज विशिष्ट अतिथि थे।संचालन और संयोजन डा. अनिल उपाध्याय ने किया। अतिथियों का स्वागत कृष्णवीर सिंह चौहान, ग्रुप कैप्टन प्रशांत चौहान, वीना चौहान और पूर्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट दिव्या चौहान ने किया।