Income Tax: आयकर रिटर्न दाखिल करने पर मिलेंगे दो विकल्प, बेहतर का करना होगा चुनाव

आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए चुनना होगा नया या पुराना टैक्स स्लैब। अपनी जरूरत के हिसाब से लाभ-हानि का आंकलन करके चुनें बेहतर विकल्प। व्यक्तिगत करदाताओं और हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) को इस वर्ष दो तरह के रिटर्न का विकल्प मिलेगा।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 09:41 AM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 09:41 AM (IST)
Income Tax: आयकर रिटर्न दाखिल करने पर मिलेंगे दो विकल्प, बेहतर का करना होगा चुनाव
आयकर रिटर्न दाखिल करने के इस बार दो विकल्‍प मिलेंगे।

आगरा, जागरण संवाददाता। वित्तीय वर्ष 2020-21 का आयकर रिटर्न दाखिल करने जा रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए आयकर विभाग ने करदाताओं को नई व्यवस्था दी है। इसके तहत व्यक्तिगत करदाताओं और हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) को आयकर रिटर्न दाखिल करते समय इस वर्ष दो तरह के रिटर्न का विकल्प आयकर विभाग की तरफ से मिलेगा।

इसमें से एक रिटर्न पुराने टैक्स स्लैब के हिसाब से होगा, जिसके अनुसार पुराने तरीके से करदाताओं को अपना रिटर्न फाइल करना होगा। वहीं दूसरे तरीके में नए टैक्स स्लैब के हिसाब से आयकर रिटर्न दाखिल किया जाएगा। करदाताओं की सुविधा के लिए आयकर विभाग ने दोनों तरह से रिटर्न दाखिल करने के लिए फार्म अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।

31 जुलाई है अंतिम तिथि

सीए प्रार्थना जालान ने बताया कि वेतनभोगी अधिकारी और कर्मचारी अपना रिटर्न उस समय दाखिल कर पाएंगे, जब उन्हें उनके कार्यालय से फार्म 16 मिल जाएगा। जबकि उनके अलावा अन्य लोग अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, जिसकी अंतिम तारीख 31 जुलाई है। रिटर्न दाखिल करने वाले व्यक्तिगत व हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने के लिए दो तरह के स्लैब मिलेंगे। इसके अंतर्गत रिटर्न फाइल करने से पहले करदाताओं के सामने विकल्प आएगा कि वह नए या पुराने, किस टैक्स स्लैब से रिटर्न दाखिल करना चाहते हैं।इस विकल्प को चुनने के बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। करमुक्ति, छूट आदि के लिए दावा करने के इच्छुक करदाताओं के लिए पुराने टैक्स स्लैब से रिटर्न दाखिल करने बेहतर होगा, जबकि जिनके पास करमुक्ति व छूट का दावा करने के लिए नहीं है, वह नए टैक्स स्लैब को चुनकर फायदे में रहेंगे।

इनका ये है कहना

सीए राकेश अग्रवाल का कहना है कि आयकरदाताओं को रिटर्न दाखिल करने से पहले अपनी करमुक्ति व छूट आदि के दावों के बारे में अच्छी तरह सोच लेना चाहिए। सभी लाभ-हानि का आंकलन करने के बाद ही सही विकल्प को चुनें। अपनी जरूरत देखें और फिर निर्णय लें कि वह पुराने स्लैब से टैक्स भुगतान करना चाहते हैं या नए स्लैब से।

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