अागरा में दो और गो-अाश्रय स्थलों के लिए जगह तय, बजट का इंतजार

प्रशासन की ओर से किरावली के गोबरा गांव में 1.152 हेक्टेयर और बाह के कुकथरी में दो हेक्टेयर जमीन उपलब्ध करा दी गई है। दोनों ही जगह पर प्रस्तावित गोआश्रय स्थलों पर 500-500 गोवंश के लिए बनाए जाएंगे। हालांकि बाद में इनकी क्षमता और बढ़ाई जा सकती है।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 12:08 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 05:40 PM (IST)
अागरा में दो और गो-अाश्रय स्थलों के लिए जगह तय, बजट का इंतजार
आगरा में दो गो आश्रय स्‍थल और बनाने के लिए जमीन तलाश ली गई है।

आगरा, जागरण संवाददाता। जिले में दो नई गो आश्रय स्थलों के लिए बजट का इंतजार है। प्रशासन ने इसके लिए जगह तो चिह्नित कर ली है लेकिन शासन से बजट नहीं मिल पाया है। पिछले दो महीने से शासन में पत्राचार किया जा रहा है। इसके चलते नई गोशालाओं का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। जिले में बेसहारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

प्रशासन की ओर से किरावली के गोबरा गांव में 1.152 हेक्टेयर और बाह के कुकथरी में दो हेक्टेयर जमीन उपलब्ध करा दी गई है। दोनों ही जगह पर प्रस्तावित गोआश्रय स्थलों पर 500-500 गोवंश के लिए बनाए जाएंगे। हालांकि बाद में इनकी क्षमता और बढ़ाई जा सकती है। बाह और किरावली क्षेत्र में सरकारी गोआश्रय स्थल नहीं हैं। क्षेत्र में तमाम बेसहारा पशु घूमते रहते हैं। जोकि न सिर्फ फसलों को खराब करते हैं बल्कि मार्गों पर आवागमन में भी अड़चन बनते हैं। इनकी वजह से आए दिन हादसे भी होते रहते हैं। इन बेसहारा गोवंश को बाह क्षेत्र से पकड़कर शहर में बने गोआश्रय स्थल तक लाना मुश्किल होता है। ऐसे में निर्णय लिया गया है कि किरावली क्षेत्र में भी गोआश्रय स्थल विकसित किया जाएगा। वर्तमान में पशु चिकित्सा विभाग के पांच गोआश्रय स्थल हैं। हालांकि नगर निगम तथा सामाजिक संगठनों द्वारा संचालित अन्य गोआश्रय स्थलों पर भी बेसहारा गोवंश को रखा जा रहा है। सभी गोआश्रय स्थलों में दस हजार से अधिक बेसहारा गोवंश को रखा गया है। बाह और किरावली में गोआश्रय स्थल बनने के बाद इन क्षेत्रों में इधर-उधर भटकते गोवंश को भी सहारा मिलेगा। अन्य क्षेत्रों में भी गोआश्रय स्थल बनाने की योजना है। 

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