पौने दो सौ साल पुराना स्वाद का जादू आज भी है बरकरार

़1840 में चिम्मनलाल ने आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन के पास शुरू की थी दुकार। आज पांचवी पीढ़ी संभाले हुए है स्वाद की कमान।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Jul 2018 01:39 PM (IST) Updated:Fri, 06 Jul 2018 01:39 PM (IST)
पौने दो सौ साल पुराना स्वाद का जादू आज भी है बरकरार
पौने दो सौ साल पुराना स्वाद का जादू आज भी है बरकरार

आगरा(जागरण संवाददाता): ताजनगरी के पुराने इलाके में सबसे प्रसिद्ध चिम्मन चौराहा। आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन के नजदीक देशी घी की उठती महक और आलू की सब्जी के साथ खीर की मिठास। मुसाफिर हों या स्थानीय बाशिंदे हर किसी के कदम यहां रुकते जरूर हैं। चिम्मनलाल पूड़ी वाले, इस दुकान पर पौने दो सौ साल पुराने स्वाद को पांचवी पीढ़ी आज भी बरकरार रखे हुए है। स्टील की थाली में आलू, कद्दू की सब्जी के साथ देशी घी की पांच पूड़ियां और खीर का स्वाद हर किसी की जुबान पर जादू का काम करता है।

सुबह आठ बजे से रात दस बजे तक दुकान पर ग्राहकों की भीड़ रहती है। अधिकांश मुसाफिर 65 रुपये के खाने के पैकेट को भी साथ में ले जाते हैं, जिसमें आठ पूड़ी, दो सब्जी, रायता, अचार और गुलाब जामुन होते हैं। आजादी के मतवाले भी लेते थे स्वाद:

दुकान के संस्थापक स्व. चिम्मन लाल की पांचवी पीढ़ी राजा अग्रवाल के अनुसार 1840 में उनके परदादा ने इस दुकान की नींव रखी थी। ये वो दौर था जब आगरा में केरोसिन की कुप्पी जला करती थीं और घरों पर सीमेंट की छत की जगह छप्पर हुआ करते थे। आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन के नजदीक मुसाफिरों की सुविधा के लिए चिम्मनलाल ने पूड़ी सब्जी बेचनी शुरू की थी। भोजन के स्वाद ने कुछ ही समय में ब्रिटिश हुकूमत के अधिकारियों को भी अपना मुरीद बना लिया। तो स्वतंत्रता सेनानियों के लिए भी आजादी की लड़ाई में घर से बाहर रहते हुए घर जैसा भोजन मिलने की सहूलियत हो गई।

देसी- विदेशी, सभी स्वाद के दीवाने:

चिम्मनलाल की पूड़ी के स्वाद के दीवाने देशी ही नहीं विदेशी भी हैं। थाली में परोसे जाने वाली कद्दू की सब्जी को विदेशी बेहद पसंद करते हैं। वहीं कश्मीर के मरी इलाके में आगरा से जाकर बसे सौदागर भी जब कभी यहां आते हैं तो चिम्मन की पूड़ियों का स्वाद लेते जरूर हैं।

मिलावट से दूरी और पुराना स्वाद:

राजा अग्रवाल बताते हैं कि पौने दो सौ साल पुराने स्वाद को जिंदा रखने के लिए आज भी सब्जियों में खड़े मसालों का प्रयोग होता है। सभी मसाले दुकान पर ही पिसते हैं और आटे के लिए गेंहू भी दुकान पर ही साफ होकर पिसता है।

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