परेशान जनता ने गाड़ी रोककर सहायक नगरायुक्त को बनाया बंधक, खूब काटा हंगामा

टेंडर होने के बाद शुरू नहीं हो सका नाला निर्माण। मौका-मुआयना करने पहुंचे थे सहायक नगरायुक्त।घाट बजरिया पर पुराना नाला लंबे समय से जर्जर और टूटा पड़ा है। गलियों में नाले का गंदा पानी भरने की समस्या से क्षेत्रीय जनता पिछले तीन महीने से जूझ रही है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 12:52 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 12:52 PM (IST)
परेशान जनता ने गाड़ी रोककर सहायक नगरायुक्त को बनाया बंधक, खूब काटा हंगामा
सहायक नगर आयुक्त की गाड़ी को रोकते घाट बजिरया के निवासी।

आगरा, जागरण संवाददाता। एत्माद्दौला क्षेत्र के घाट बजरिया के क्षेत्रीय निवासी टूटे नाले की समस्या से परेशान हैं। टेंडर पास होने के बाद भी नाला निर्माण शुरु नहीं हो पा रहा, इससे आक्रोशित लोगों ने शनिवार को सहायक नगरायुक्त और छत्ता जोन के इंचार्ज अनुपम शुक्ला की गाड़ी रोककर उनका घेराव कर लिया और करीब डेढ़ घंटे तक उन्हें बंधक बनाए रखा। खूब नारेबाजी भी की।

सहायक नगरायुक्त अनुपम शुक्ला, नगरायुक्त निखिल टीकाराम के निर्देश पर यहां प्रस्तावित नाला निर्माण की वर्तमान स्थिति का मौका-मुआयना करने पहुंचे थे, जिसका काम टेंडर होने के बाद भी शुरू नहीं हो सका है। उनके पहुंचते ही महिलाओं का आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने उनका घेराव कर लिया। वह नाला निर्माण कार्य तुरंत शुरू करने का दबाव बना रही थीं।

यह है समस्या

क्षेत्रीय लोगों का कहना था कि घाट बजरिया पर पुराना नाला लंबे समय से जर्जर और टूटा पड़ा है। इसके कारण हरचंद जी का बाड़ा और आसपास की गलियों में नाले का गंदा पानी भरने की समस्या से क्षेत्रीय जनता पिछले तीन महीने से जूझ रही है। टेंडर होने के बाद भी अब तक नाला निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सकता है। इसके लिए क्षेत्रीय पार्षद लाला अब्बास ने शुक्रवार को नगरायुक्त निखिल टीकाराम से मुलाकात भी की, जिसके बाद उन्होंने सहायक नगरायुक्त व छत्ता जोन इंचार्ज अनुपम शुक्ला को मौका-मुआयना करने भेजा था।

डेढ़ घंटे बनाए रखा बंधक

क्षेत्रीय लोगों और महिलाओं ने उनकी गाड़ी रोक ली और उसके सामने बैठक गई। कुछ महिलाओं ने उनका घेराव कर लिया। ऐसी स्थिति करीब डेढ़ घंटे तक बनी रही। थाना पुलिस और क्षेत्रीय पार्षद के समझाने के बाद ही महिलाएं बमुश्किल शांत हुई।

तीन दिन में होगा काम शुरु

जब महिलाएं और लोग थोड़ा शांत हुए तो सहायक नगरायुक्त ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह परेशान न हों। उन्हें तीन दिन का समय दें। काम शुरू कराकर समस्या का निस्तारण करा दिया जाएगा। 

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