Corona: इलाज और वैक्सीनेशन हैं कोरोना से जंग के अचूक उपाय, लक्षण दिखें तो तुरंत कराएं टेस्ट
बेहद घातक है कोविड-19 वायरस की संक्रामकता। अतिरिक्त रूप से सजग रहने की आवश्यकता। लक्षण नजर आएं तो तुरंत कराएं टेस्ट। इलाज तत्काल शुरू होने पर ही पाया जा सकता है कोरोना पर काबू। कोरोना के उपचार को तुरंत जांच कराना जरूरी है।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोविड-19 वायरस की संक्रामकता बेहद घातक है। इसलिए कोरोना की दूसरी लहर में हम सभी को अतिरिक्त रूप से सजग रहने की आवश्यकता है। यदि किसी को भी बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर दर्द आदि लक्षण नजर आएं, तो तुरंत कोविड-19 टेस्ट कराएं।
यह कहना है कि डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल का। उन्होंने हाल ही में कोरोना को हराया है। अपने अनुभव के आधार पर उनका कहना है कि लक्षण नजर आने पर तुरंत रेपिड एंटीजन या आरटीपीसीआर टेस्ट कराना चाहिए, न कि इसे मौसमी बुखार या वायरल समझकर अपना इलाज स्वयं शुरू करना चाहिए। क्योंकि कोरोना का दूसरा म्यूटेशन बहुत घातक है, इससे संक्रमित होने पर यदि तत्काल इलाज शुरू कर दिया जाए, तो बहुत हद तक इस पर काबू पाया जा सकता है। समय रहते इलाज और वैक्सीनेशन, यह दोनों कोरोना से जंग के दो अचूक उपाय हैं। साथ ही मास्क और शारीरिक दूरी का पालन भी अनिवार्य है।
जरा सी चूक हो सकती है गंभीर
कुछ दिन पहले कुलपति के ड्राइवर को हल्के लक्षण दिखाई दिए। इस पर कुलपति ने तुरंत उन्हें टेस्ट कराने का सुझाव दिया, लेकिन दो दिन तक कोई टेस्ट न कराने पर तीसरे दिन ड्राइवर और उनकी पत्नी की तबीयत खराब हो गई। तब कुलपति ने तुरंत दोनों के लिए कोरोना प्रोटोकाल दवा किट भिजवाई और उनकी तबीयत पर नजर रखे हुए हैं। साथ ही संक्रमित हुए शिक्षकों और कर्मचारियों की कई तरह से मदद कर रहे हैं। कुलपति का कहना है कि यह समय संयुक्त रूप से प्रयास करने का है, तभी इस महामारी से जीता जा सकता है।