Taj Mahal: ताज महल के आसपास लागू हैं नीति नियम, फिर भी यहां नहीं हुआ अब ट्रेफिक का मैनेजमेंट
Taj Mahal 20 वर्ष में नहीं बना ताजमहल के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2000 में किया था आदेश। आपात स्थिति में हो सकता है संकट खड़ा। महाजन समिति ने अक्टूबर 2006 में दी रिपोर्ट में ताजमहल के दक्षिणी गेट को लिविंग हेरिटेज माना था।
आगरा, जागरण संवाददाता। गुरुवार को ताजमहल में सिरफिरे द्वारा बम की सूचना देने के बाद सुरक्षा एजेंसियों में खलबली मच गई थी। आनन-फानन में माक ड्रिल का हवाला देकर ताजमहल से पर्यटकों को बाहर निकाला गया था, जिससे कि अफरातफरी नहीं मचे। आपात स्थिति में ताजमहल के आसपास ताजगंज में व्याप्त अव्यवस्थाएं परेशानी बढ़ाने वाली साबित हो सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 20 वर्ष पूर्व ताजमहल के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान बनाने का आदेश किया था, लेकिन आज तक प्लान नहीं बनाया गया है।
ताजगंज में अव्यवस्थाओं का आलम है। पुरानी मंडी चौराहा से ताजगंज होते हुए ताजमहल आने वाले पर्यटकों को इन अव्यवस्थाओं से जूझना पड़ता है। तांगा स्टैंड, नगर निगम गर्ल्स इंटर कालेज, ताजगंज थाना के सामने, मदरसे के पास, कुत्ता पार्क, चौक कागजियान में गाड़ियां पार्क कर दी जाती हैं। मार्ग पर अतिक्रमण रहता है, जिससे पर्यटक परेशान होते हैं और उनके लिए यहां से गुजरना मुश्किल भरा साबित होता है। यह स्थिति तब है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 17 नवंबर, 2000 को ताजमहल और उसकी 500 मीटर की परिधि के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान बनाने और अतिक्रमण हटाने का आदेश राज्य सरकार को दिया था। आज तक ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान नहीं बन सका है। इस अव्यवस्था से आपात स्थिति में बड़ा संकट खड़ा हो सकता है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।
पास की थी अस्थायी व्यवस्था
सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में निवास करने वाले लोगों के लिए महाजन समिति की रिपोर्ट के आधार पर वाहन पास की व्यवस्था अस्थायी रूप से करने को कहा था। उप्र सरकार को स्थायी समाधान के रूप में ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान देना था, लेकिन प्लान न बनाकर वाहन पास को ही समस्या का समाधान मान लिया गया। आपात स्थिति में अधिकारियों के वाहन बिना पास के ताजमहल तक जाने की व्यवस्था आदेश में की गई थी। आरटीओ द्वारा अधिकारियों को थोक के भाव वाहन पास जारी कर दिए गए हैं, जबकि पास केवल स्थानीय निवासियों को जारी किए जाने थे।
दक्षिणी गेट को माना था लिविंग हेरिटेज
महाजन समिति ने अक्टूबर, 2006 में दी रिपोर्ट में ताजमहल के दक्षिणी गेट को लिविंग हेरिटेज माना था। समिति ने तीनों गेटों के एक साथ खुलने और बंद होने की सिफारिश की थी। फरवरी, 2018 में इस गेट को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर बंद कर दिया गया था। क्षेत्रीय लाेगों के विरोध के बाद इस गेट से पर्यटकों के निकास की व्यवस्था की गई।