Need Relief: बसों का पहिया खड़ा है जाम, कैसे उठाएं करों का बोझ, संकट में आगरा की Tours and Travel इंडस्‍ट्री

15 माह से प्रभावित है आगरा में टूरिज्म ट्रांसपोर्ट का काम। इंश्योरेंस परमिट फीस बैंक ऋण की किस्त भरना मुश्किल। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते ताजमहल व अन्‍य स्‍मारकों के बंद रहने से नहीं आ रहे विदेशी पर्यटक। ट्रेवल इंडस्‍ट्री से जुड़े लोगों को मदद की दरकार।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 10:50 AM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 10:50 AM (IST)
Need Relief: बसों का पहिया खड़ा है जाम, कैसे उठाएं करों का बोझ, संकट में आगरा की Tours and Travel इंडस्‍ट्री
आगरा में टूर्स एंड ट्रेवल ऑपरेटर की बसें एक साल से खड़ी हैं लेकिन टैक्‍सों का बोझ बरकरार है।

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के संक्रमण काल में ताजनगरी के पर्यटन कारोबार की उम्मीदों को 15 माह से ग्रहण लगा हुआ है। टूरिज्म ट्रांसपोर्ट का काम करने वालों के समक्ष संकट दिन-प्रतिदिन गहराता जा रहा है। उनकी गाड़ियों का पहिया जाम है और इंश्याेरेंस, परमिट फीस, पार्किंग शुल्क, ऋण की किस्त, स्टाफ के वेतन के खर्चे बरकरार हैं।

ताजनगरी देश के पर्यटन का प्रमुख केंद्र होने से यहां टूरिज्म ट्रांसपोर्ट का काम भी बड़े स्तर पर होता है। कोरोना वायरस के संक्रमण की पहली लहर में मार्च, 2020 से यह काम प्रभावित होना शुरू हुआ था। सितंबर से अप्रैल तक जब स्मारक खुले थे, उस अवधि में भी काम न के बराबर रहा। 16 अप्रैल से स्मारकों के बंद होने के साथ यह दोबारा ठप हो गया। 15 माह की अवधि में टूरिज्म ट्रांसपोर्ट से जुड़े टूर आपरेटर और ट्रांसपोर्टर को करीब 250 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। गाड़ियां खड़ी होने के बावजूद इंश्योरेंस, परमिट फीस, पार्किंग फीस, स्टाफ के वेतन के खर्चे बरकरार हैं। खड़े-खड़े गाड़ियां खराब हो रही हैं। अधिक दिक्कत उन लोगों के समक्ष है, जिन्होंने बैंक से ऋण लेकर गाड़ियां खरीदी थीं। उन्हें बैंक ऋण की किस्त और उसका ब्याज देना भारी पड़ रहा है।

आसान नहीं बैंक से ऋण मिलना

पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों की मानें तो बैंकों ने पर्यटन कारोबार को सेंसिटिव घोषित कर रखा है। बैंकों से ऋण मिल ही नहीं रहा है। काम की कोई उम्मीद नजर नहीं आने की स्थिति के चलते स्टाफ को वेतन देने के लिए तो बैंक से ऋण लेंगे नहीं।

सरकार ने सवा वर्ष तक कोई सहायता पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को नहीं दी। अब जो 15 हजार करोड़ रुपये की घोषणा की गई है, उसका जमीनी स्तर पर कोई फायदा नजर नहीं आ रहा है।

-सुनील गुप्ता, चेयरमैन नोर्दर्न रीजन इंडियन एसोसिएशन आफ टूर आपरेटर्स

सवा वर्ष से गाड़ियां बिल्कुल नहीं चली हैं और रखे-रखे खराब हो रही हैं। हृास हो रहा है। निकट भविष्य में भी अभी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। सरकार को करों में छूट प्रदान करनी चाहिए।

-हाकिम सिंह सोलंकी, ट्रांसपोर्ट कारोबारी

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