Tajmahal Shutdown: 14 माह से घर बैठे हैं संस्कृति के दूत, घर का खर्च चलाना भी हुआ मुश्किल
कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने तोड़ दी हैं पर्यटन उद्योग की सारी उम्मीदें। करीब दो हजार गाइड करते हैं स्मारकों पर काम। संकट उन गाइडों के समक्ष अधिक है जिन्होंने बैंक से ऋण ले रखा है। उनके लिए किस्त भरना भी मुश्किल हो रहा है।
आगरा, जागरण संवाददाता। योगेश शर्मा डिपार्टमेंट आफ टूरिज्म (डीओटी) के गाइड हैं। कोरोना काल से पूर्व उन्होंने 12 मार्च, 2020 को पर्यटकों को ताजमहल में भ्रमण कराया था। 14 माह से वो घर पर खाली बैठे हैं और कोई काम नहीं है। खर्चे बरकरार हैं और आमदनी जीरो है। वहीं दूसरे केस में संदीप कुमार उप्र पर्यटन (यूपीटी) के गाइड हैं। 14 माह की अवधि में उन्हें मात्र दो दिन ही पर्यटकों को ताजमहल में भ्रमण कराने का अवसर मिला। घर पर खाली बैठे हैं। लाइसेंस की शर्तों में एक बाध्यता यह भी है कि वो कोई और काम नहीं कर सकते।
दुनिया भर से भारत घूमने आने वाले पर्यटकों को भारतीय संस्कृति से रूबरू कराने वाले संस्कृति के दूत कहे जाने वाले गाइड कोरोना काल में 14 माह से खाली बैठे हैं। उनके पास कोई काम नहीं है। खर्चे बरकरार हैं और आमदनी जीरो है। कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर में देश के जो हालात रहे, उससे सारी उम्मीदें भी टूट गई हैं।
कोरोना काल में पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पिछले वर्ष 17 मार्च को स्मारक बंद होने के साथ ही गाइड भी घर बैठ गए थे। 188 दिनों की बंदी के बाद 21 सितंबर को ताजमहल खुला तो पांच हजार पर्यटकों की कैपिंग लगा दी गई। इसके साथ इंटरनेशनल फ्लाइट और टूरिस्ट वीजा सर्विस पर भी पाबंदी लगी रही। गाइड को काम विदेशी पर्यटकों और दक्षिण भारत से आने वाले पर्यटकों से मिलता है। फ्लाइट पर रोक से विदेशी और लंबी दूरी की ट्रेनें संचालित नहीं होने से दक्षिण भारत से पर्यटक यहां नहीं आ सके, जिससे गाइड खाली बैठे रहे। 16 अप्रैल से स्मारक दोबारा बंद होने के साथ उनकी सभी उम्मीदें टूट गईं। कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर में देश में जो हालात रहे, उनके चलते इस वर्ष विदेशी पर्यटकों के आने की उम्मीद न के बराबर है, जिससे गाइडों को अंधकार ही नजर आ रहा है। संकट उन गाइडों के समक्ष अधिक है, जिन्होंने बैंक से ऋण ले रखा है। उनके लिए किस्त भरना भी मुश्किल हो रहा है। सरकार द्वारा किसी तरह की रियायत नहीं दिए जाने से वो आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
गाइडों की स्थिति
-करीब 400 डीओटी के गाइड हैं।
-करीब 650 गाइड यूपीटी के हैं।
-178 गाइड भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के फतेहपुर सीकरी में हैं।
-स्टे प्राप्त गाइड भी बड़ी संख्या में काम करते हैं।