लपके तोड़ रहे पर्यटकों का ताज के दीदार का ख्वाब

लगातार तीसरे दिन दोपहर के स्लाट के सभी टिकट हुए बुक दोपहर 230 बजे के बाद पहुंचे पर्यटकों को नहीं मिले टिकट

By JagranEdited By: Publish:Wed, 18 Nov 2020 06:15 AM (IST) Updated:Wed, 18 Nov 2020 06:15 AM (IST)
लपके तोड़ रहे पर्यटकों का ताज के दीदार का ख्वाब
लपके तोड़ रहे पर्यटकों का ताज के दीदार का ख्वाब

आगरा,जागरण संवाददाता। सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर बड़े अरमानों के साथ ताजमहल के दीदार को आने वाले पर्यटकों के अरमानों पर लपके पानी फेर रहे हैं। मंगलवार को दोपहर के स्लाट के सभी टिकट दोपहर 2:30 बजे बुक हो गए। इसके बाद ताजमहल पहुंचे पर्यटक टिकट बुक नहीं होने से स्मारक का दीदार नहीं कर सके। सैकड़ों पर्यटकों को ताजमहल देखे बगैर लौटना पड़ा।

ताजमहल में एक दिन में अधिकतम पांच हजार टिकट बुक हो सकते हैं। इसका फायदा लपके उठा रहे हैं। मंगलवार को लगातार तीसरे दिन लपकों द्वारा दोपहर के स्लाट के टिकट बुक कर लिए गए। दोपहर 2:30 बजे तक सभी टिकट बुक हो गए। इसके बाद ताजमहल पहुंचकर टिकट बुक करने का प्रयास करने वाले पर्यटकों को निराशा हाथ लगी। टिकट बुक नहीं हो पाने की वजह से सैकड़ों पर्यटकों को ताजमहल देखे बगैर लौटना पड़ा। रविवार व सोमवार को भी दोपहर के स्लाट में पर्यटकों को टिकट नहीं मिल सके थे। मंगलवार को दोपहर के स्लाट में टिकट तो 2500 बुक हुए, लेकिन पर्यटक 1991 ही आए। दरअसल, 15 वर्ष तक के बच्चों पर टिकट लागू नहीं होता। दोपहर के स्लाट में 2191 पर्यटक आए थे, जिनमें 280 बच्चे शामिल थे। मंगलवार को पिछले चार दिनों में सर्वाधिक 4843 पर्यटकों ने ताजमहल निहारा, जिनमें 683 बच्चे शामिल थे। कोहरे में छुपा रहा ताजमहल

आगरा में मंगलवार सुबह कोहरा पड़ा। सुबह 6:30 से 9:30 बजे तक ताजमहल कोहरे में छुपा रहा। वीडियो प्लेटफार्म से ताजमहल धुंधला नजर आया। कैपिग नहीं बढ़ी तो और होगी मुश्किल

ताजमहल में वर्तमान में लागू कैपिग नहीं बढ़ाई जाती है तो आने वाले दिनों में टिकट नहीं मिलने की समस्या और बढ़ेगी। सुबह के स्लाट में कोहरे के चलते ट्रेन लेट होने व सड़क मार्ग से सफर मुश्किल होने पर पर्यटक दोपहर के स्लाट में ही आ पाएंगे। इसके चलते पर्यटन उद्यमी कैपिग बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि ताजमहल की कैपिग बढ़ाने का निर्णय मुख्यालय के स्तर पर ही संभव है। पर्यटकों को हो रही परेशानी की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी जा चुकी है।

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