पर्यटन मंत्री बोले, 90 करोड़ खर्च पर अब मुगल म्‍यूजियम की उपयोगिता तय करेगी सरकार Agra News

पर्यटन राज्‍य मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी ने शाहजहां पार्क में प्रो पुअर टूरिज्म प्रोजेक्ट के काम पर जताई नाराज़गी। सुधार के दिये निर्देश।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sat, 21 Sep 2019 06:06 PM (IST) Updated:Sat, 21 Sep 2019 08:59 PM (IST)
पर्यटन मंत्री बोले, 90 करोड़ खर्च पर अब मुगल म्‍यूजियम की उपयोगिता तय करेगी सरकार Agra News
पर्यटन मंत्री बोले, 90 करोड़ खर्च पर अब मुगल म्‍यूजियम की उपयोगिता तय करेगी सरकार Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। शनिवार को शहर के मुख्‍य स्‍मारकों में चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण करने आए पर्यटन राज्‍य मंत्री ने कहा कि 90 करोड़ खर्च होने के बाद मुग़ल म्यूजियम की उपयोगिता सरकार तय करेगी। पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने म्यूजियम का निरीक्षण करने के बाद कहा कि सम्बंधित विभागों के साथ बैठक करेंगे। उन्‍होंने कहा कि म्यूजियम के काम को पूरा करने के लिए 92 करोड़ रुपये की अभी और आवश्यकता है। इसके बाद वे शाहजहां पार्क में प्रो पुअर टूरिज्म प्रोजेक्ट का काम देखने भी पहुंचे, जहां चल रहे काम पर नाराज़गी जताई। उन्‍होंने यहां सुधार के निर्देश भी दिए। इसके अलावा राज्‍य मंत्री मेहताब बाग के निरीक्षण के लिए भी पहुंचे।

अपने आप में अनूठा होगा मुगल म्‍यूजियम

ताजनगरी में स्टेट ऑफ द आर्ट प्रोडक्ट के रूप में बन रहा मुगल म्यूजियम अपने आप में अनूठा होगा। प्रीकास्ट टेक्निक से बने उप्र के पहले सरकारी भवन में छत पर लगे प्रिंटेड ग्लास पैनल से फर्श पर शहर के नक्शे उभरेंगे। ताज, आगरा किला, फतेहपुर सीकरी समेत अन्य स्मारकों के मॉडल होंगे। मुगल स्थापत्य कला, शहर के इतिहास, समय- समय पर हुए उत्खनन, संस्कृति और कलाओं से रूबरू होने का मौका दर्शकों को मिलेगा।

ताजमहल से करीब 1300 मीटर दूर विद्युत विभाग की सीमेंटेड पोल फैक्ट्री की 5.9 एकड़ जमीन पर मुगल म्यूजियम बनाया जा रहा है। 141.89 करोड़ रुपये से बन रहे म्यूजियम का काम निर्धारित समय पर पूरा नहीं हो सका है। म्यूजियम में प्रदर्शित की जाने वाली कलाकृतियों और ऑडियो-वीडियो गैलरी के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) राजकीय निर्माण निगम ने तैयार कराई है। 11.47 करोड़ रुपये से म्यूजियम में काम किए जाएंगे। इसमें आठ गैलरी बनाई जाएंगी, जिनमें ताजनगरी से जुड़ी हर जानकारी पर्यटकों को दी जाएगी। इसमें भविष्य के आगरा में होने वाले मेट्रो जैसे अन्य कार्यों के बारे में भी जानने का मौका दर्शकों को मिलेगा।

बच्चों के लिए होगा प्ले एरिया

म्यूजियम में बच्चों के साथ आने वाले अभिभावक इत्मीनान के साथ भ्रमण कर सकें, इसके लिए अस्थाई चाइल्ड केयर सेंटर के रूप में बच्चों के लिए प्ले एरिया बनाया जाएगा। इसमें वो अपने हमउम्र बच्चों के साथ खेल सकेंगे।

डॉक्यूमेंटरी से बेहतर होगा अनुभव

म्यूजियम में बनने वाले रिसेप्शन पर ऑडियो गाइड सिस्टम हैडफोन के साथ उपलब्ध कराया जाएगा। इससे दर्शक म्यूजियम में प्रदर्शित कलाकृतियों व गैलरी के बारे में जान सकेंगे। उन्हें 15-20 मिनट की डॉक्यूमेंटरी दिखाई जाएगी, जिससे कि उनका अनभुव बेहतर रहे।

यह गैलरी बनेंगी

पहली गैलरी

इसमें विश्व के सर्वाधिक क्षेत्रफल वाले यूएसए और उत्तर प्रदेश के क्षेत्रफल, विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या वाले चीन और पांचवें नंबर पर स्थित उप्र के आंकड़े होंगे। गैलरी की छत पर ग्लास प्रिंटेड पैनल लगे होंगे। इनकी प्रतिकृति नीचे फर्श पर पड़ेगी तो आगरा व आसपास के क्षेत्रों के नक्शे उभरेंगे। इतिहास के विभिन्न कालखंडों के अनुसार शहर के डिजिटल मैप और उत्खनन की जानकारी मिलेगी।

दूसरी गैलरी

इसमें शहर के इतिहास को टाइमलाइन के अनुसार दर्शाया जाएगा। महाभारत काल में अग्रवन के नाम से पहचाने जाने वाला आगरा, आगरा के ङ्क्षहदू राजा जयपाल और अकबर के समय की स्थिति दर्शाई जाएगी।

तीसरी गैलरी

यह शहर की वास्तुकला को समर्पित होगी। इसमें समय के साथ वास्तुकला में आए बदलावों को दिखाया जाएगा। ताजमहल, आगरा किला और अन्य स्मारकों के मॉडल होंगे।

चौथी गैलरी

इसमें आगरा के स्मारकों की वास्तुकला के विभिन्न तत्वों को समय के साथ हुए बदलावों के साथ दिखाया जाएगा। इनमें गुंबद, कलश, मेहराब, तोड़े, छतरी आदि के बारे में जानकारी मिलेगी।

पांचवीं गैलरी

यह शहर की संस्कृति की समर्पित होगी। इसमें शहर के पेठा, दालमोंठ, चर्म उद्योग व मार्बल वर्क के बारे में जानने को मिलेगा।

छठी गैलरी

यह जीवंत गैलरी होगी। इसमें शहर के माहौल को दर्शाया जाएगा।

सातवीं गैलरी

इसमें पुराने शहर, फैशन, मौसम, तापमान व जनसांख्यिकीय जानकारी मिलेगी।

आठवीं गैलरी

यह बाजार को समर्पित होगी। इसमें शहर की शिल्पकलाओं, बर्तन, आभूषण, मार्बल, गलीचा, कपड़े, पेंटिंग और आर्ट वर्क, क्लासिक फूड के बारे में जानने का मौका मिलेगा। वर्कशॉप में मशीनें व उपकरण भी होंगे। जिससे दर्शक स्वयं अनुभव कर जान सकेंगे।

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