पर्यटन उद्योग के उबरने की उम्मीद भी होने लगी धूमिल

कोरोना काल में सरकार ने नहीं दी सहायता करों में भी राहत नहींअपने बल पर उबरने की कोशिशों में जुटे पर्यटन का हाल बेहालबढ़ते संक्रमण के चलते इस वर्ष उबरने की उम्मीद हुई धूमिल

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 05:05 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 05:05 AM (IST)
पर्यटन उद्योग के उबरने की उम्मीद भी होने लगी धूमिल
पर्यटन उद्योग के उबरने की उम्मीद भी होने लगी धूमिल

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में पर्यटन उद्योग की सरकार ने कोई सुध नहीं ली। आर्थिक सहायता मिलना तो दूर बिजली बिल या गृहकर में भी कोई रियायत नहीं मिली। उद्योग जैसे-तैसे अपने पैरों पर दोबारा खड़ा होने की कोशिशों में जुटा था कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और नाइट क‌र्फ्यू ने कमर तोड़ दी। इस वर्ष उबरने की उम्मीद भी इसके साथ ही धूमिल हो उठी है।

आगरा में पर्यटन, रोजगार देने वाले प्रमुख कारोबारों में शामिल है। 17 मार्च, 2020 को कोरोना काल में ताजमहल बंद होने के साथ इसके दुर्दिन शुरू हो गए थे। 188 दिन तक ताजमहल बंद रहने से पर्यटन उद्योग पूरी तरह ठप रहा। इंटरनेशनल फ्लाइट और टूरिस्ट वीजा सर्विस पर रोक से विदेशी पर्यटकों का आना अभी भी संभव नहीं है। दिसंबर, 2020 से मार्च, 2021 तक भारतीय पर्यटकों ने पर्यटन कारोबारियों को आस बंधाई थी। कोरोना का संक्रमण बढ़ने और नाइट क‌र्फ्यू लगने के बाद सोमवार को ताजमहल देखने मात्र 3428 पर्यटक ही पहुंचे। जबकि कभी इतने पर्यटक ताजमहल के टिकट नहीं मिलने या गेट बंद हो जाने पर एक दिन में लौटते रहे हैं। पर्यटकों की संख्या में आई गिरावट ने पर्यटन कारोबारियों को सकते में डाल दिया है। करीब 30 फीसद होटल व पेइंग गेस्ट हाउस लाक डाउन के बाद से खुले ही नहीं थे, जो खुले थे उनमें 10 फीसद भी कमरे बुक नहीं हो रहे थे। सितारा होटल वीकेंड टूरिज्म के सहारे चल रहे थे, लेकिन नाइट क‌र्फ्यू लगने के बाद काम खत्म सा हो गया है। कारोबारियों को इस वर्ष भी कोरोना के झटकों से पर्यटन उद्योग उबरता हुआ नजर नहीं आ रहा है। रेस्टोरेंट सर्वाधिक प्रभावित

आगरा में रात नौ बजे से नाइट क‌र्फ्यू लग रहा है। आठ बजे से बाजार बंद होना शुरू हो जाते हैं। इससे रेस्टोरेंट में रात का काम बिल्कुल खत्म हो गया है। रेस्टोरेंट संचालक शाम को रेस्टोरेंट बंद रखने पर विचार कर रहे हैं। इवेंट इंडस्ट्री भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुई है। कार्यक्रम में लोगों की संख्या घटाए जाने का उस पर सर्वाधिक असर पड़ा है।

वर्जन

कोरोना काल में सरकार ने पर्यटन कारोबार की कोई सुध नहीं ली। बिजली बिल या गृहकर में कोई रियायत नहीं दी गई। किसी तरह अपने बूते कारोबारी उबरने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बढ़ते संक्रमण और नाइट क‌र्फ्यू ने दोहरा झटका दिया है।

-राकेश चौहान, अध्यक्ष होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन इवेंट में लोगों की संख्या सीमित किए जाने से बुकिग निरंतर कैंसिल हो गई हैं। कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि इस स्थिति में क्या किया जाए। इवेंट के लिए लोगों को एडवांस दिया था, अब उसका क्या होगा।

-मनोज शर्मा, इवेंट मैनेजर

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